पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भी दी थी अपने दामाद को नौकरी

Saturday, Jul 04, 2015 - 01:00 PM (IST)

लखनऊ: वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय द्वारा अपने दो दामादों को बिना विज्ञपत्ति जारी किए बगैर नौकरी दिलाए जाने पर शिकायत राज्यपाल के पास पहुंची है। राज्यपाल राम नाईक ने इसकी जांच के आदेश भी दे दिए हैं। ताजा मामले में एक और नया खुलासा हुआ है। बसपा सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे सुखदेव राजभर ने भी अपने दामाद राजेश कुमार को विधानसभा कार्यालय में शोध एवं संदर्भ अधिकारी नियुक्त किया था। यह इल्जाम लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने राज्यपाल राम नाईक से जांच की मांग की है। 

बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के दो दामादों को नौकरी देने की शिकायत के बाद शुक्रवार को नूतन ठाकुर ने नया राजफाश किया। उन्होंने इल्जाम लगाया है कि सुखदेव राजभर ने विधानसभा अध्यक्ष रहने के दौरान अपने दामाद राजेश कुमार को शोध एवं संदर्भ अधिकारी नियुक्त किया था। राज्यपाल को भेजी शिकायत में नूतन ने कहा है कि राजेश की दो बार नियुक्ति की गयी। पहली बार नियुक्ति के बाद राजेश को एक अन्य विभाग में भी नौकरी मिल गई तो उन्होंने 03 मार्च 2009 को शोध अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया। रिक्त पद पर पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के भतीजे बलराम सिंह को 31 दिसंबर 2009 को नियुक्त कर दिया गया। 
 
नूतन ठाकुर का इल्जाम है कि दूसरी नौकरी में मन नहीं लगने पर राजेश कुमार ने वहां इस्तीफा दिया और 29 जनवरी 2010 को उसे दूसरी बार विधानसभा कार्यालय में शोध अधिकारी नियुक्त कर लिया गया। डा. ठाकुर ने आरोप है कि नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं हुआ। उन्होंने राज्यपाल से प्रकरण की जांच की मांग की है। नूतन ठाकुर की शिकायत के संबंध में राजभर का कहना है कि अभी वह इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे। शिकायत के सामने आने के बाद ही वह अपनी बात रखेंगे।
 
ध्यान रहे, गुरुवार को नूतन ठाकुर ने राज्यपाल को भेजी शिकायत में आरोप लगाया था कि माता प्रसाद पाण्डेय ने अपने दो दामादों की विधानसभा में नियुक्ति की है। उन्होंने बड़े दामाद प्रदीप कुमार पाण्डेय को संपादक और छोटे दामाद नरेंद्र शंकर पाण्डेय को ओएसडी पद पर न्यूनतम अर्हता देखे बिना चुपके-चुपके नियुक्त कर लिया।
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