जेल में बंद आतंकी भटकल फोन पर कर रहा पत्नी से बातें

Saturday, Jul 04, 2015 - 12:15 PM (IST)

नई दिल्लीः देश की खुफिया एजैंसियों को एक ऐसी बात पता चली है, जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं। खुलासा हुआ है कि एक हाई सिक्यॉरिटी जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। 

 
आतंकी संगठन आईएम का संस्थापक भटकल हैदराबाद की चेरापल्ली सैंट्रल जेल की एक हाई सिक्यॉरिटी सेल में बंद है। भटकल के पास फोन तो पहुंच गया, पर उसकी कॉल्स को आईबी ने रिकॉर्ड कर लिया।
 
इंटरसेप्ट की गई एक कॉल में भटकल को दिल्ली के जामिया नगर में रह रही उसकी पत्नी जाहिदा से बात करते हुए पाया गया है। बातचीत में भटकल ने जाहिदा को भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही जेल से आजाद हो जाएगा और इसमें डमस्कस के उसके कुछ दोस्त उसकी मदद कर रहे हैं।
 
इस बात से भारतीय खुफिया एजैंसियों का यह शक भी पुख्ता हो गया कि आईएस के आतंकियों नें देश में डेरा डाल लिया है। खुफिया एजैंसियों के होश तब उड़ गए, जब उन्होंने भटकल की पूरी बात सुनी। भटकल ने जाहिदा से कहा, ''अल्लाह ताला की मर्जी से जल्दी ही निकल जाऊंगा।  मेरे डमस्कस के दोस्तों की मदद से। फिर निकलने के बाद, हम ही डमस्कस पहुंच जाएंगे।''
 
खुफिया एजैंसियों का मानना है कि भटकल जिस डमैस्कस का जिक्र कर रहा था, उसका ताल्लुक आईएस के आतंकियों से है। देश में हुई आतंकी वारदातों में शामिल भटकल को जिस चेरापल्ली जेल में रखा गया है, उसमें पहले भी कैदियों के पास मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव मिलने के मामले सामने आ चुके हैं।
 
वहीं तेलंगाना के डीजी (जेल व सुधार सेवाएं) ने बताया, ''यह सच है कि पहले ऐसे मामले आए हैं, लेकिन अब यह मुमकिन नहीं है। भटकल को जिस सेल में रखा गया है, वहां मोबाइल पहुंचना नामुमकिन है।'' हालांकि, उन्होंने इस जानकारी को सिरे से न खारिज करते हुए कहा कि हो सकता है कोर्ट जाते वक्त उसने फोन इस्तेमाल किया हो।
 
गौरतलब है कि भटकल ने 2008 में शादी के कुछ दिन बाद ही अपनी पत्नी को छोड़ दिया था, हालांकि वह लगातार उससे संपर्क में रहा। अगस्त, 2013 में आईबी अधिकारियों ने पहली बार उसके मूवमेंट्स की जानकारी मिली थी। आईबी को पता चला कि भटकल ने अपने साथी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू जाहिदा को एक लाख रुपये और एक मोबाइल फोन भिजवाया था।
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