पूरे परिवार ने निगला जहर, सुसाइट नोट में लिखा हमें एक ही चिता में जलाना

Thursday, Jun 25, 2015 - 11:39 PM (IST)

लाडवा : गांव बूढ़ा में एक व्यक्ति ने अपना परिवार पूरे परिवार ने निगला जहर पिलाकर समाप्त कर लिया। मरने से पहले परिवार के मुखिया व उसकी पत्नी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। इसमें परिवार के मुखिया जितेंद्र कौशिक ने मर्जी से आत्महत्या करने व परिवार व किसी सगे-संबंधी का कोई कसूर न होने की बात लिखी है। 
 
इसमें मुखिया की पत्नी सुषमा ने उसके शव का शृंगार सुहागिन की तरह करने, सभी का एक साथ एक ही चिता में अंतिम संस्कार करने की बात लिखी। मृतका ने अपने गहने भी विभिन्न परिजनों को देने की बात लिखी है। वीरवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए जिनका सायं को गांव के ही श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
 
जितेंद्र का परिवार आॢथक तंगी से जूझ रहा था। उसकी गांव में ही अपनी आटा चक्की थी लेकिन उससे परिवार को पालन-पोषण पूरी तरह नहीं हो पा रहा था। ग्रामीणों के अनुसार समय-समय पर जितेंद्र के भाई उनकी आॢथक सहायता करते रहते थे। पर्याप्त आमदनी न होने से दम्पति परेशान था। माना जा रहा है कि आॢथक तंगी के चलते ही दम्पति ने मिलकर यह कदम उठाया।
 
मृतक जितेंद्र शर्मा की बेटी तेजस्वी कक्षा छठी व पुत्र शिवाशीष चौथी कक्षा में लाडवा के सुगनी देवी स्कूल में पढ़ते थे। दोनों बच्चे पढऩे में भी होशियार बताए जाते थे।  दम्पति व उसके दोनों बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में किया गया। इस दौरान पोस्टमार्टम हाऊस के बाहर मातम छाया रहा। हालांकि शव घंटों बाद अस्पताल पहुंचे मगर तब तक स्थानीय लोग इंतजार करते रहे।
 
जितेंद्र व उसकी पत्नी ने खाना खाने के बाद पहले अपने दोनों बच्चों को डेंगू की दवाई कहकर जहरीला पदार्थ पिलाया। बाद में दोनों ने भी यह पदार्थ पी लिया। इससे जितेंद्र व उसकी पत्नी सुषमा की मौके पर ही मौत हो गई थी। दोनों बच्चों को गम्भीर अवस्था में अस्पताल लाया गया जहां से लड़के शिवाशीष की कुरुक्षेत्र ले जाते समय व लड़की तेजस्वी (11) की पी.जी.आई. चंडीगढ़ ले जाते समय मौत हो गई। मृतक का ससुराल करनाल में है और करीब 13 साल पहले करनाल की सुषमा के साथ उसकी शादी हुई थी।
 
जितेंद्र व सुषमा की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए एक ही चिता में पूरे परिवार का अंतिम संस्कार किया गया। जितेंद्र व सुषमा ने सुसाइड नोट में 1 ही चिता में चारों शवों का अंतिम संस्कार व उसका पूरा शृंगार करने की बात लिखी थी जिसको मृतका के परिजनों व रिश्तेदारों ने आखिरी इच्छा समझकर पूरा किया।

 

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