दिल्ली मेट्रो को मिली पहली चालक रहित ट्रेन

Thursday, Jun 04, 2015 - 08:18 PM (IST)

नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो को कोरिया स्थित निर्माता की आेर से पहली चालक रहित ट्रेन आज प्राप्त हुई जिसमें कई आधुनिक विशेषताआंे को शामिल किया गया है। इस नई ट्रेन को दिल्ली मेट्रो के अगले साल के अंत से परिचालन शुरू में आने वाले तीसरे चरण के खंडों में इस्तेमाल किया जाएगा।   छह डिब्बों वाली इस ट्रेन को समुद्र के जरिए भारत भेजा गया और यह गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची। 
 
इसे विशेष तौर पर बनाए गए ट्रॉलरों के जरिए सड़क मार्ग से दिल्ली लाया गया। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने कहा कि हुंदई रोटेम की एेसी कुल 20 ट्रेनों का सैट इस साल के अंत तक दक्षिण कोरिया के चंगवान में बनाया जाएगा। शेष 61 ट्रेनों का निर्माण भारत अर्थ मूवर्स के बेंगलूरू स्थित संयंत्र में किया जाएगा। इन ट्रेनों का परिचालन 58 किमी लंबे मजलिस पार्क, शिव विहार, (लाइन सात) और 38 किमी से अधिक लंबे जनकपुरी (पश्चिम) और बाटनिकल गार्डन (लाइन आठ ) गलियारों पर तीसरे चरण में किया जाएगा। 
 
इन दोनों खंडों का परिचालन 2016 के अंत में शुरू होने की संभावना है। दिल्ली मेट्रो की इन नई ट्रेनों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और पर्यावरण अनुकूल उन्नयन को शामिल किया गया है। यात्रियों की सुविधाएं बढाने के लिए कई अतिरिक्त विशेषताओं को भी शामिल किया गया है। दिल्ली मेट्रो ने बताया कि उन्हें 95 किमी प्रति घंटे की गति से परिचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। 
 
इसकी परिचालन गति 85 किमी प्रति घंटे होगी। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इन ट्रेनों के परिचालन के लिए चालकों को तैनात किया जाएगा। उन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और बिना चालक के ट्रेन परिचालन होगा।  प्रत्येक कोच में 380 यात्री आ सकेंगे जिससे छह कोच वाली ट्रेन में 2280 यात्री प्रत्येक ट्रेन में सफर कर सकेंगे। छह कोच वाली ट्रेन में 40 अधिक यात्री आ सकेंगे क्योंकि एेसी ट्रेनों में ड्राइवर कैब की जरूरत नहीं होगी। 
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