भारत निकला चीन से आगे

Saturday, May 30, 2015 - 06:03 AM (IST)

नई दिल्ली: देश की सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) विकास दर वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही में 7.5 प्रतिशत दर्ज की गई है जो चीन की इस अवधि की विकास दर से अधिक है। इस तरह भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रदर्शन में सॢवस और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों का जोरदार योगदान रहा है।
 
इसी तरह 2014-15 के पूरे वर्ष के दौरान देश की जी.डी.पी. ग्रोथ रेट 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई जिसे सरकार ने रीवाइज किया है। हालांकि, इस दौरान खनन, कृषि क्षेत्र में खासी सुस्ती देखने को मिली। जनवरी-मार्च तिमाही में जी.डी.पी. ग्रोथ 7.5 प्रतिशत रहने से सरकारी हलकों में खुशी के साथ कॉर्पोरेट दुनिया में भी अच्छा संदेश गया है। यह ग्रोथ रेट स्थिर मूल्य पर आधारित है। जी.डी.पी. के इन आंकड़ों पर विशेषज्ञों की राय मिली-जुली रही है। नए आधार वर्ष 2011-12 के मूल्यों के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का कुल आकार 106.44 लाख करोड़ रुपए आंका गया है। 
 
इसी अवधि में अर्थव्यवस्था में स्थिर मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धन (जी.वी.ए.) 98.27 लाख करोड़ रुपए रहा है। आलोच्य अवधि में व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण सेवाएं, वित्त, रियल्टी एवं व्यावसायिक सेवाएं, बिजली, गैस, जल आपूॢत और अन्य सुविधाएं, लोक प्रशासन, रक्षा एवं संबंधित सेवाएं तथा विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रही है। कृषि, वनोपज एवं मत्स्य पालन में 0.2 प्रतिशत, खनन में 2.4 प्रतिशत और निर्माण में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर रही है।
 
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था का आकार स्थिर मूल्यों पर 28.74 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 26.73 लाख करोड़ रुपए रहा था। 
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