भारत के इन शहरों में तंबाकू बना फैशन,जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

Saturday, May 30, 2015 - 06:01 AM (IST)

फरीदाबाद(सूरजमल): तंबाकू दुनिया भर में हर साल करीब 8 लाख लोगों को मौत का ग्रास बनाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, उनमें से आधे लोगों की मौत फेफड़े के कैंसर अथवा तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण होगी। तंबाकू के कारण होने वाली मौतों में से 6 लाख से अधिक लोगों की मौत आसपास के लोगों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के संपर्क में आने के कारण होती है। तंबाकू के कारण मौत का ग्रास बनने वालों में 25 प्रतिशत से अधिक बच्चे होते हैं।

एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के मेडिकल ओंकोलॉजी के निदेशक डॉ.प्रवीण कुमार बंसल ने बताया कि राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भारत में कैंसर नियंत्रण के 50 वर्ष के संबंध में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार तंबाकू कैंसर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण चिन्हित कारण है और यह पुरूषों में सभी तरह के कैंसर के करीब 40 से 50 प्रतिशत। जबकि महिलाओं में सभी तरह के कैंसर के करीब 20 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। यह रिपोर्ट भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वैबसाइट पर उपलब्ध है जिसे हालती में अपडेट किया गया। डॉ.प्रवीण बंसल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल तंबाकू के इस्तेमाल से विभिन्न बीमारियों के कारण 8 से 9 लाख लोगों की मौत होती है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार भारत में 2004 में तंबाकू के कारण होने वाली कैंसर संबंधी मौतों की संख्या एक लाख 47 हजार 269 थी जबकि 2013 में यह संख्या एक लाख 42 हजार 671 थी। वर्ष 2012 में यह संख्या एक लाख 38 हजार 261 थी। रिपोर्ट के अनुसार गुटका समेत चबाए जाने वाले तंबाकू उत्पादों में 3099 रसायनिक घटक होते हैं जिनमें से 28 रसायनों से कैंसर होने की पुष्टि हो चुकी है। हरियाणा के संदर्भ में की गई शोध के बारे में उन्होंने बताया कि यहां के मैट्रो शहरों फरीदाबाद, गुडग़ांव आदि में युवा वर्ग जहां धूम्रपान को फैशन समझकर अपना रहे हैं वहीं इसी प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां उम्रदराज वृद्ध पुरानी लत की वजह से धूम्रपान करते हैं। 
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