मैगी को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम!

Friday, May 29, 2015 - 12:51 PM (IST)

नई दिल्ली: अगर आप मैगी खाने के शौकीन हैं तो ये जान लें ये जानलेवा भी हो सकती है। आपको बता दें कि इसमें पाया जाने वाला मोनोसोडियम ग्लूटामेट नाम का एमिनो एसिड सेहत के लिए काफी खतरनाक है। पिछले दिनों यूपी में मैगी के 12 अलग-अलग सैम्पल लेने और उसकी चौंकाने वाली रिपोर्ट के बाद अब मैगी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने संस्था फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मंगलवार को पूरे देश में मैगी की जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार की ओर से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। अगर इन सैम्पल्स में भी तय मात्रा से ज्यादा केमिकल्स और लेड पाया जाता है, तो मैगी पर सरकार सख्त एक्शन लेगी।

मीडिया से बातचीत के दौरान खाद्य और उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि अगर इन सैम्पल्स में भी तय मात्रा से ज्यादा केमिकल्स और लेड पाया जाता है, तो मैगी पर सरकार सख्त एक्शन ले सकती है। उन्होंने कहा कि "मैगी में MSG की भारी मात्रा होने की रिपोर्ट को सरकार गंभीरता से ले रही है। इन रिपोट्र्स की जांच की जाएगी। जांच के परिणामों के आधार पर कंपनी पर उचित कारवाई की जाएगी। 

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तरप्रदेश के खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने  हाल ही बाराबंकी के एक मल्टी स्टोर से लिए गए मैगी के नमूनों की जांच कोलकाता की रेफरल लैब से कराई है। इस जांच में एक नमूना फेल पाया गया । इस नमूने में मोनोसोडियम ग्लूटामेट नाम का एमिनो एसिड खतरनाक स्तर तक पाया गया है। इसके बाद एफएसडीए तत्काल हरकत में आया और पूरे प्रदेश में इस बैच की मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी। 

इसके अलावा  मैगी नूडल्स अब गुजरात और महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच के दायरे में भी आ गई है। गुजरात और महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मैगी नूडल्स की जांच के लिए अलग-अलग लोकेशन से 10-12 सैंपल लिए हैं। वहीं इसके पहले मैगी के सैंपल में लखनऊ के फूड सेफ्टी ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफएसडीए ने मंजूर सीमा से ज्यादा एमएसजी और लेड पाया था। इस बीच ऐसी खबरें भी हैं कि लखनऊ एफएसडीए मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले के खिलाफ सिविल कोर्ट में शिकायत दर्ज करा सकती है।

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