मुस्लिम होने के चलते अब किया फ्लैट देने से इनकार

Wednesday, May 27, 2015 - 11:19 PM (IST)

मुंबई: गुजरात की एक युवती ने आरोप लगाया है कि उन्हें मुस्लिम होने के कारण वडाला उपनगर में किराए पर फ्लैट देने से इनकार कर दिया है। यह मामला मीडिया में उछलने के बाद महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री एकनाथ खडसे ने मामले की जांच कराने और दोषी पर सख्त कार्रवाई करने का वादा किया है।


गौरतलब है कि बीते हफ्ते जीशान खान नामक एक एमबीए युवक को एक डायमंड कंपनी ने इस वजह से नौकरी देने से मना कर दिया कि वह मुस्लिम है। इस मामले की भी अभी जांच चल रही है।


एक कंपनी में मीडिया रिलेशन विभाग में काम करने वाली 25 वर्षीया मिस्बाह कादरी का कहना है कि उन्होंने एक एजंट के जरिए वडाला स्थित संघवी हाईट्स बिल्डिंग में एक फ्लैट किराए पर लिया। इसके लिए उन्होंने एजंट को 24 हजार रूपए डिपोजिट के तौर पर दिया। फ्लैट में जिस दिन आना था उसके एक दिन पहले एजेंट ने बताया कि इस बिल्डिंग में मुस्लिम को फ्लैट नहीं दिया जाता है।


बावजूद इसके अगर उन्हें रहना है तो वह यह लिखकर दें कि उनके साथ कोई भी घटना घटती है तो उसके लिए बिल्डिंग की सोसायटी, फ्लैट का मालिक और एजंट जिम्मेदार नहीं होगा। इसके बाद ही कादरी ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी। कादरी ने यह भी बताया कि वह लगभग साढ़े पांच साल से धर्म के आधार पर पक्षपातपूर्ण रवैए की शिकार हो रही हैं। कादरी के मुताबिक वडाला आने से पहले वह कांदिवली के एक फ्लैट में रह रही थीं। इस समय वह बांद्रा में पेईंग गेस्ट के रूप में रह रही हैं।


 इधर कादरी के मामले पर संघवी हाईट्स सोसायटी के एक सदस्य का कहना है कि यहां मुस्लिम के रहने पर कोई पाबंदी नहीं है। यह मामला किराएदार और एजेंट के बीच का विवाद लगता है। उधर एक सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद पूनावाला ने घटना की जांच कराने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखा है।

चैनलों ने मिस्बाह को बनाया पिपली लाइव का नत्था 

फ्लैट किराए पर नहीं देने की वजह धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाने के बाद खबरिया चैनल वाले इस तरह से मिस्बाह कादरी के पीछे पड़ गए जिस तरह से आमिर खान की फिल्म पीपली लाइव में नत्था के पीछे दिखे थे। बांद्रा में पेईंग गेस्ट के रूप में रहने वाली कादरी को अपने चैनल पर दिखाने के लिए चैनल वाले टूट पड़े और हर चैनल वाले कादरी को अपने चैनल पर दिखाने के लिए कादरी के हाथ में माइक दे रहे थे तो उनके कान में ईयर फोन लगा रहे थे।


कुर्सी पर बैठी कादरी परेशान थीं और गर्मी से चेहरे पर पसीने को पोछते-पोछते हैरान भी थीं। हद तो तब हो गई चैनल वाले आपस में लड़ पड़े और तू-तू मैं-मैं भी करने लगे। कुछ चैनल वाले कादरी को उसी तरह से बयान देने की भी सलाह दे रहे थे जिस तरह से नत्था को समझाया जा रहा था। चैनल वालों की वजह से यह गंभीर मसला यहां पर गंभीर नहीं लग रहा था।

गौरतलब है कि इससे पूर्व एक युवक को मुंबई में इसलिए नौकरी देने से इनकार किया गया कि वह मुस्लिम था।
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