इस भारत की बेटी पर आप भी करेंगे नाज, 17 घंटे तक आतंकियों को दी अकेले मात

Wednesday, May 27, 2015 - 05:40 PM (IST)

नई दिल्ली: 23 साल की इस लड़की ने जो कर दिखाया शायद ही किसी ने किया हो। आतंकवादियो के कब्जे में एक विमान में 23 साल की एक भारतीय लड़की 17 घंटे तक आतंकवादियों को मात देती रही। उसने अपनी सुझ-बुझ और हिम्मत से करीब 380 लोगों की जान बचाई। लेकिन अंत में कुछ बच्चों को बचाने के लिए  खुद को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

दरअसल, अमेरिकी एयरवेज का विमान पैन एम73, करीब 380 यात्री लेकर पाकिस्तान के करांची हवाई अड्डे पर पायलट का इंतजार कर रहा था। अचानक उसमें चार हथियारबंद आतंकवादी घुस गए और सभी यात्रियों को गन प्वांइट पर ले लिया।

आतंकियों ने पाक सरकार से पायलट भेजने की मांग की,ताकि वो विमान को जहां चाहे लेजा सकें, लेकिन पाक सरकार ने मना कर दिया। इससे तिलमिलाए आतंकियों ने विमान में बैठे अमेरिकी यात्रियों को मारने का फैसला कर लिया। इसी दौरान विमान में बैठी भारतीय लड़की ने तब तक अपनी पूरी हिम्मत बना चुकी थी। 

आतंकियों ने गलती से उसी वीर भारतीय लड़की को बुला लिया और विमान में बैठे सभी यात्रियों के पासपोर्ट इक_ा करने को कहा। ताकि वो अमेरिकी नागरिकों को चुन-चुन कर मार सकें। 

लेकिन भारतीय लड़की ने सबके पासपोर्ट छुपा लिए। यह देख आतंकी तिलमिला उठे और उन्होंने एक अंग्रेज को खींचकर वीमाने के गेट पर ले आए और गोली मारने की तैयारी करने लगे। लेकिन तभी लड़की ने अपनी सुझ-बुझ से आतंकियों को अपनी बातों में उलझाए रखा।  आतंकी और पाक सरकार में लगातार खींचातानी चलती रही। इधर 380 डरे हुए लोगों में एक अकेली भारतीय लड़की डंटी रही।

लड़की ने 16 घंटे हिम्मत बांधे रखी। कि तभी उसे अचानक खयाल आया कि अब विमान का ईंधन खत्म होने वाला है। ऐसा हुआ तो विमान में अंधेरा छा जाएगा और ‌भागदौड़ मच जाएगी। लड़की ने फिर अकलमंदी से तत्काल आतंकियों को खाने का पैकेट दिया और यात्रियों को आपातकालीन खिड़कियों के बारे में समझाया। तभी विमान का ईंधन खत्म हो गया। चारों तरफ अंधेरा छा गया। प्लान के मुताबिक लड़की ने यात्रियों को प्लेन से नीचे कूदाना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच दहशतगर्दों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी।

लेकिन उस बहादुर लड़की ने एक शख्स को भी मरने नहीं दिया। हालंाकि कुछ यात्री घायल जरूर हुए। दूसरी तरफ मौका देखकर पाक कमांडो भी विमान पहुंच गए। धुआंधार गोलीबारी के बीच एक तरफ सारे लोग भागने में लगे थे, दूसरी तरफ वो भारत की बेटी दुर्दांत आतंकियों को तरह तरह से छकाने में लगी थी। उसने आतंकियों को उलझाए रखा ताकि वो किसी को नुकसान न पहुंचा सकें। और वो कामयाब भी रही। सबके निकल जाने के बाद अंत में जब वो विमान से निकलने लगी, तो अचानक उसे कुछ बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी, जिसे बचाने के लिए वह दोबारा विमान में वापिस आई और बच्चों को बचाने के चक्कर में खुद मौत की शिकार हो गई। 

उसने बच्चों को खिड़की से नीचे धकेल दिया और आतंकी सारी गोलियां अपने सीने में खा गई। 17 घंटे तक चले इस खून खराबे में अंतत: 20 लोगों की जान चली गई। वो भारतीय वीरांगना भी शहीद हो गई। 300 से ज्यादा लोगों की जान बचाने वाली इस भारतीयी बेटी का नाम नीरजा भनोट है। 2004 में इस बात का पता चला कि 5 सितंबर, 1986 में हुई उस भयावह घटना केॉ पीछे लीबिया के चरमपंथियों का हाथ था। वहीं अब इस बहादुर भारतीय बेटी पर अभिनेत्री सोनम कपूर एक फिल्म में इसका किरदार निभा रही है।

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