''अच्छे दिन तो चुनावी जुमला था''

Monday, May 25, 2015 - 09:49 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार जहां एक साल की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाने में जुटी है। वहीं, कांग्रेस ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कांग्रेस हर मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि एनडीए के पास कोई दिशा नहीं है। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ''अच्छे दिन'' तो बस चुनावी जुमला था।


पी.चिदंबरम ने कहा कि पूर्ण बहुमत होने के बावजूद सरकार आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा अच्छे दिन के वादे के साथ सत्ता में आई थी. पर पिछले एक साल में महंगाई और आम आदमी की मुश्किलें बढ़ी हैं। नौ मुख्य सेक्टर की स्थिति खराब है। सैकड़ो की तादाद में प्रौजेक्ट रुके पड़े हैं। यह अच्छे दिन के संकेत नहीं है।


कांग्रेस ने सरकार के इस आरोप को नकार दिया कि विपक्ष विकास विरोधी व्यवहार कर रहा है। चिदंबरम ने कहा कि राज्यसभा में नेता विपक्ष के तौर पर अरुण जेटली ने ही कहा था कि विपक्षी पार्टी को रुकावट डालने का हक है। पर हमने रुकावट नहीं डाली। भाजपा ने लगातार पांच सत्र तक इंश्योरेंस बिल पारित नहीं होने दिया था। पर कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं किया।


यह सवाल किए जाने पर सरकार अपने एक साल के कार्यकाल को भ्रष्टाचार मुक्त शासन के तौर पर पेश कर रही है, पी.चिदंबरम ने कहा कि यूपीए-एक सरकार के वक्त 2004 से 2007 तक कोई घोटाला सामने नहीं आया था। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में कोई घोटाला सामने नहीं आता है, तो उन्हें खुशी होगी, पर यह वक्त ही तय करेगा।

रोजगार सृजन मामले में सरकार को शून्य

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा करने में नाकाम रही है। यह सवाल किए जाने पर कि रोजगार के मौके पर वह सरकार को कितने नंबर देंगे, उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करने में वह एनडीए सरकार को दस में से शून्य अंक देगें।

सांप्रदायिकता पर प्रधानमंत्री की चुप्पी चिंताजनक

कांग्रेस ने सरकार में मंत्री, सांसद और पार्टी से जुड़े लोगों के विवादित बयानों पर चिंता जताई है। चिदंबरम ने कहा कि सरकार से जुड़े लोग आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं और प्रधानमंत्री चुप हैं। सभ्य समाज में इस तरह के बयानों की कोई जगह नहीं है और इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी।
 
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