विदेशी दौरों में पीएम नरेंद्र मोदी से कम नहीं रहे हैं मनमोहन : शाह

punjabkesari.in Sunday, May 24, 2015 - 12:59 AM (IST)

कोल्हापुर . भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं के बारे में आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि संप्रग के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इतनी ही संख्या में विदेश यात्रा की थी।   शाह ने भाजपा की राज्य कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते हुए यहां कहा कि, ‘‘मैं लोगों को कहते हुए सुन रहा हूं कि मोदी सिर्फ विदेश यात्राओं में रूचि रखते हैं और एक साल में कई यात्राएं की हैं। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मोदी ने उतनी ही संया में यात्राएं की हैं कि जितनी कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। अंतर सिर्फ इतना है कि लोगों को उनकी यात्राओं के बारे में पता नहीं चला।’’  उन्होंने कहा कि जब मोदी विदेश की यात्रा करते हैं तब हजारों भारतीय उनका स्वागत करना चाहते हैं और विदेशी राष्ट्र भारत के साथ कारोबार करने को उत्सुक होते हैं।’’ 
 
संप्रग सरकार की आलोचना की
26 मई को एक साल पूरा करने जा रही मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए शाह ने भ्रष्टाचार पर कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की आलोचना की।  उन्होंने कहा कि यहां तक कि धुर विरोधी भी राजग सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकते, जबकि संप्रग सरकार के दौरान 12 लाख करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार था।
 
काला धन की जांच
शाह ने कहा कि मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में काला धन की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था। सरकार ने विदेशों में काला धन रखने में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों के लिए 10 साल की कैद की सजा का प्रस्ताव किया।’’ 
 
वृद्धि दर 4. 4 प्रतिशत से बढकऱ 5. 7 प्रतिशत
शाह ने कहा कि राजग सरकार के प्रथम वर्ष के अंदर वृद्धि दर 4. 4 प्रतिशत से बढकऱ 5. 7 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि सरकार बहुत सामान्य दर पर लोगों के लिए बीमा योजना भी लायी और सात करोड़ से अधिक लोग इसके लिए आवेदन कर चुके हैं।   मोदी की प्रिय योजना ‘मेक इन इंडिया’ पर शाह ने कहा कि यह भारत में करोड़ो लोगों के लिए रोजगार सृजन करेगा। 
 
रिपोर्ट के मुताबिक
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले साल में मोदी 51 दिन विदेशी दौरों पर रहे। इस दौरान इन्होंने 17 देशों की यात्रा की। दूसरी तरफ मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के पहले साल 47 दिन विदेश में रहे। इस दौरान उन्होंने 12 देशों की यात्रा की। दिनों का फर्क दोनों में महज चार का है, इसके बावजूद मनमोहन सिंह 12 देशों में ही पहुंच पाए।
 
 

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