केंद्र करेगा ''दिल्ली जंग'' का फैसला

Friday, May 22, 2015 - 01:46 AM (IST)

 नई दिल्लीः दिल्ली की हुकूमत पर हक के बंटवारे का फैसला बहुत जल्दी किए जाने के संकेत हैं। केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणी में आने वाली दिल्ली में उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच अधिकारों के विभाजन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाने के आसार हैं।


अधिकारियों का कहना है कि केंद्र द्वारा स्पष्ट किया जाएगा कि दिल्ली की सरकार चलाने में संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उपराज्यपाल के लिए क्या भूमिका तय की गई है और मुख्यमंत्री को क्या अधिकार दिए गए हैं।



सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय एक-दो दिन के भीतर दिल्ली सरकार को एक नोट जारी करने वाला है। इसमें उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों के अधिकारों को लेकर नए सिरे से स्पष्ट आदेश जारी किए जाएंगे। इसमें यह भी स्पष्ट कर दिया जाएगा कि कौन सी फाइल उपराज्यपाल से ताल्लुक रखती है और किसका संबंध मुख्यमंत्री से है।


यह भी तय कर दिया जाएगा कि क्या सभी फाइलों को उपराज्यपाल के पास भेजा जाना जरूरी है। बता दें कि उपराज्यपाल जंग और मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच करीब एक सप्ताह तक चले टकराव की रफ्तार भले कम हो गई है लेकिन अभी तक यह फैसला नहीं हो पाया है कि आखिर अधिकारी किसका आदेश मानें।

जंग में हो सकता है सीजफायर

दिल्ली में सियासी सीजफायर की स्थिति कायम हो गई है। गुरुवार को न तो राजनिवास से कोई तल्ख चिट्ठी सचिवालय आई और न ही सचिवालय से कोई जवाब भेजा गया। उपराज्यपाल नजीब जंग की ओर से सरकार को परेशानी में डालने वाला कोई फरमान नहीं जारी हुआ तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जंग पर कोई सियासी गोला नहीं दागा। सुलह और नरमी के कायम हो रहे इस माहौल को देखकर यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि बीते एक सप्ताह से जंग और केजरीवाल के बीच खुलेआम हो रहा सियासी टकराव बिल्कुल थम गया है, लेकिन इसमें कमी जरूर आ रही है।


ऐसे संकेत हैं कि छुट्टी पर गए मुख्य सचिव के के शर्मा अगले सप्ताह अपना कार्यभार संभाल सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे भी विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी।
 
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