जनता परिवार विलयः नीतीश, मुलायम से बात करेंगे लालू

punjabkesari.in Thursday, May 21, 2015 - 11:27 PM (IST)

नई दिल्ली/पटनाः अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं और अभी तक जनता परिवार के विलय को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। विलय को लेकर जारी मतभेदों के बीच राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद शुक्रवार को दिल्ली में सपा प्रमुख मुायम सिंह यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे।


जेडी (यू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद शुक्रवार को होने वाली इस बैठक के लिए यहां पहुंच चुके हैं। इस बैठक के दौरान बातचीत बिहार चुनाव और विलय से जुड़े मुद्दों पर केंद्रि‍त रहेगी। हालांकि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार केंद्रि‍त दो दलों के विलय के इच्छुक हैं लेकिन समाजवादी पार्टी और आरजेडी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। जनता परिवार के छह दलों- समाजवादी पार्टी, जेडी (यू), जेडीएस, आरजेडी, आईएनएलडी और समाजवादी जनता पार्टी ने 15 अप्रैल को अपने विलय की घोषणा की थी। लेकिन ऐसे संकेत हैं कि सपा और RJD इस पर दोबारा विचार करना चाहती हैं। इसके बाद नीतीश कुमार ने मुलायम सिंह से स्थिति स्पष्ट करने को कहा।


गौरतलब है कि 15 अप्रैल को मुलायम सिंह को नये दल का प्रमुख घोषित किया गया था। जनता परिवार के विलय के मार्ग में बाधाओं को दूर करने के प्रयास के तहत होने वाली बैठक से एक दिन पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने गुरुवार को जेडी (यू) के लिए यह कहकर असहज स्थिति पैदा कर दी कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बीजेपी के खिलाफ व्यापक एकता का हिस्सा होना चाहिए। काबिलेजिक्र नीतीश कुमार के विरोधी समझे जाने वाले मांझी ने मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा बनाया है और उनका झुकाव बीजेपी की ओर बताया जाता है। लालू ने पटना में कहा, ''हम भाजपा के खिलाफ दलों की व्यापक एकता चाहते हैं जिसमें मांझी सहित हर कोई आगे आए।''


जनता परिवार के विलय को लेकर भ्रम तब और बढ़ गया जब सपा महासिचव राम गोपाल यादव ने हाल में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विलय होने की संभावना नहीं है। उनके इस बयान को विलय पर सपा में असहज स्थिति के रूप में देखा गया। सपा में कई नेताओं का मानना है कि पार्टी को इस विलय से कोई फायदा नहीं होगा, इससे बस बिहार में चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों से टक्कर लेने में वहां के दो दलों जेडी (यू) और आरजेडी का आधार मजबूत होगा।
 
 

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