पाक कब्जे वाले गिलगित बाल्तिस्तान में बिगड़ सकते हैं हालात

Friday, May 15, 2015 - 03:17 PM (IST)

जम्मू (बलराम सैनी): पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों के कारण पूरे विश्व में बदनाम हो चुका है। अब खतरा उसके अपने घर में पैदा हो रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के गिलगित बाल्स्तिान में हालात बिगडऩे के आसार दिख रहे हैं। इस क्षेत्र में 24 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं।

इन चुनावों में ऐसे संगठन भी भाग ले रहे हैं जो अपनी आपत्तिजनक हरकतों के लिए प्रतिबंधित हैं। ऐसे लोग फर्जी पार्टियां बनाकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। मजेदार बात यह है कि अधिकारी सबकुछ जानते हैं पर चुप हैं। गिलगित-बाल्तिस्तानके मुख्य निर्वाग्र अधिकारी कार्यालय के हवाले से पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र द नेशन में प्रकाशित समाचार में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठनों के नेता धड़ल्ले से चुनाव प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं।निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि प्रांतीय सरकार किसी राजनीतिक पार्टी पर चुनाव लडऩे का प्रतिबंध नहीं लगा सकती, यह सब फैडरल सरकार के अधिकार क्षेत्र में  आता है।पाकिस्तान की सहमति से जहां एक तरफ गिलगित बाल्तिस्तान चीन के रंग में रंगता जा रहा है वहीं पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों एवं समाज विरोधी ताकतों के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है।

पाकिस्तान की तालीबानी प्रमुख इसी क्षेत्र से संबंध रखता है। असुरक्षा की भावना ऐसी है कि क्षेत्र में पाक प्रधानमंत्री भी सुरक्षित नहीं है। इस क्षेत्र में हालता सुधरने के निकट भविष्य में भी कोई आसार नहीं हैं।इस संबंध में पाक अधिकृत कश्मीर के प्रधानमंत्री ग्रदार मोहम्मद याकूब ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत और पाक के बीच कश्मीर मसला सुलझने तक गिलगित बाल्तिस्तान को पाकिस्तान के प्रांत के तौर पर मान्यता नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़ेगी। ऐसा करने से कश्मीर मामले पर सीधा असर होगा इसलिए कश्मीर मसला हल होने तक संवैधानिक संशोधन नहीं किया जा सकता। 

 
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