‘मां, मुझे माफ कर दो, क्या मैं नहीं बचूंगी?’

Friday, May 08, 2015 - 05:44 PM (IST)

अलपुझा: केरल में अपनी तीन साथियों के साथ जहरीला फल खाकर आत्महत्या के प्रयास के दौरान जिस उभरती नौकायन खिलाड़ी की मौत हुई, उसने दम तोडऩे से पहले अपनी मां से यह कदम उठाने पर माफी मांगी थी। लड़कियों ने यह कदम यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में सीनिसर्य द्वारा कथित रूप से प्रताडि़त किए जाने के बाद उठाया। अपर्णा की शोक संतृप्त मां गीता ने बताया कि अस्पताल में जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रही अपर्णा ने उन्हें साई हॉस्टल में सीनियर्स द्वारा उसे दी जा रही ‘मानसिक एवं शारीरिक प्रताडऩा’ के बारे में बताया था। 

अपर्णा की मां ने कहा कि अंतिम सांस लेने से पहले अपर्णा ने कहा, ‘मां, मुझे माफ कर दो। मैंने सीनियर ‘चेचियों’ (बड़ी बहनों) द्वारा किए जाने वाले उत्पीडऩ के कारण किया। क्या मैं नहीं बचूंगी?’ गीता ने यह भी कहा कि उनकी बेटी का आत्महत्या का इरादा नहीं था लेकिन उसने यह बड़ा कदम उठा लिया क्योंकि लगातार प्रताडऩा के बाद उसके सामने कोई और विकल्प बचा ही नहीं था। 

गीता ने कहा, ‘मेरी बेटी 15 अप्रैल को ‘विशु’ त्योहार के मौके पर घर आई थी और उसने मुझे बताया था कि सीनियर्स के साथ एक ही कमरे में रहना मुश्किल है। जब हॉस्टल की वॉर्डन को इस बारे में जानकारी दी गई, तो उन्होंने उसे तीन महीने के भीतर दूसरे कमरे में भेजने का वादा किया था।’ गीता ने कहा कि बाद में उनकी बेटी ने ऐसे दिखाया जैसे हॉस्टल में सबकुछ ठीक है। शायद इसलिए क्योंकि वह अपने माता-पिता को परेशान नहींं करना चाहती थी।  

गीता ने कहा, ‘लेकिन अस्पताल में जब वह अपनी जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रही थी, तब मेरी बच्ची ने मुझे सीनियर्स के बारे में सच्चाई बताई। दो सीनियर्स अपर्णा और उन अन्य लड़कियों को लगातार प्रताडि़त करते थे, जिसइस वजह से इन लड़कियों ने जहरीला फल खा लिया।’ अपर्णा भारतीय खेल प्राधिकरण के जलक्रीडा प्रशिक्षण केंद्र में पिछले पांच साल से प्रशिक्षण ले रही थी। गीता ने कहा कि अपने परिवार की परिस्थितियों की वजह से उनकी बेटी परेशान किए जाने के बावजूद हॉस्टल में ही रहती रही। 
 

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