गांधी क्यों नहीं बैठे भूख हड़ताल पर : अनिल विज

Tuesday, May 05, 2015 - 05:59 AM (IST)

अम्बाला छावनी(जतिन): ‘भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को जब फांसी लगाई गई तब महात्मा गांधी भूख-हड़ताल पर क्यों नहीं बैठे’। यह बात स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सुखदेव के दौत्र विशाल नय्यर के साथ पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शहीदों के परिवार की अनदेखी का आरोप लगाया। मंत्री विज ने देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले शहीद सुखदेव के दौत्र विशाल के पैर छूकर उनका स्वागत किया। सोमवार सुबह मंत्री के शास्त्री कालोनी स्थित निवास पर साढ़े 10 बजे जैसे ही शहीद सुखदेव के दौत्र विशाल स्वास्थ्य मंत्री के निवास स्थान पर पहुंचे तो उनका फूलों की बरखों व ढोल की थाप पर स्वागत किया गया।

हरियाणा के खेल परिसरों का नाम बदल कर शहीदों के नाम पर रखने की घोषणा पर कायम रहते हुए मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस सरकार व महात्मा गांधी की कार्यशैली पर भी कई सवाल उठाए।  उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को आजाद करवाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन जब इन शहीदों को फांसी पर लटकाया जा रहा था तब महात्मा गांधी भूख-हड़ताल पर क्यों नहीं बैठे और तब इसका विरोध क्यों नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 69 सालों में कांग्रेस ने इन शहीदों और शहीदों के परिवारों को एक साजिश के तहत नजरअंदाज किया गया है लेकिन अब भाजपा के राज में ऐसा नहीं होगा। देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले शहीदों की यादों से जुड़ी धरोहरों को संजोया जाएगा और उन्हें राष्ट्रीय धरोहर घोषित करवाने के प्रयास भी किए जाएंगे। 

डाक टिकट जारी करने की उठाएंगे मांग 
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए विशाल ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु, मदन लाल ढींगरा, करतार सिंह शराबा, ऊधम सिंह, लाला लाजपत राय और भी बहुत से शहीद हैं और उनके नाम पर कुछ भी नहीं है। कांग्रेस ने राजीव गांधी के नाम से स्टेडियम क्यों चलाएं जा रहे हैं। नोट पर सिर्फ महात्मा गांधी की फोटो लगी है जबकि शहीदों की क्यों नहीं लगाई जाती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केवल गांधी परिवार को ही बढ़ाया दिया है। उन्होंने बताया वह मंत्री विज के साथ पी.एम. नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और शहीदों की नाम से डाक टिकट जारी करने की मांग करेंगे। उन्होंने हरियाणा में खेल स्टेडियम के नाम राजीव गांधी खेल परिसर से हटाकर शहीदों के नाम पर करने की मांग की। 
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