अनुच्छेद 35ए: मोदी के साथ मुलाकात के बाद बोली महबूबा, नहीं टूटेगा गठबंधन

Friday, Aug 11, 2017 - 07:28 PM (IST)

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत का विचार जम्मू-कश्मीर के विचार को समायोजित करने से है। पी.एम. से मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने साफ  कर दिया है कि राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारे गठबंधन के एजेंडा का आधार है कि 370 की यथास्थिति को बनाए रखने में हममें से कोई भी इसके खिलाफ  नहीं जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गठबंधन के एजेंडे पर अपनी सौ फीसदी सहमति का आश्वासन दिया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से बात हुई। जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन जनता का मानना है कि हमारी पहचान खतरे में पड़ सकती है, तो जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है इस बात को दोबारा बताया जाना चाहिए। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से महबूबा ने मुलाकात की थी। महबूबा चाहती हैं कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में 35ए को चुनौती देने वाली याचिका का विरोध करे। वैसे महबूबा मुफ्ती को इस पर राजनाथ सिंह से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया है।

राजनाथ सिंह ने नहीं मिला आश्वासन
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार महबूबा मुफ्ती ने राजनाथ सिंह को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए को चुनौती दिये जाने से कश्मीर की आम जनता में बेचैनी है। उन्हें डर सता रहा है कि इस अनुच्छेद को निरस्त होने से कश्मीर की स्वायत्तता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और इससे पहले से ही विरोध प्रदर्शनों को झेल रहे कश्मीर के हालात बेकाबू हो सकते हैं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका का पुरजोर विरोध करना चाहिए। सूत्रों की माने तो राजनाथ सिंह से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया। राजनाथ सिंह का कहना था कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से विचारविमर्श के बाद ही फैसला लेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे उनकी चिंताओं से सरकार को उच्च स्तर पर अवगत करा देंगे।

सुप्रीम कोर्ट में दी गई है अनुच्छेद को चुनौती
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती दी गई है और इसे निरस्त करने की मांग की गई है। अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए जम्मू.कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर अपना.अपना पक्ष रखने को कहा है। इस धारा के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार की राज्य की नागरिकता तय करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। अभी तक गैर कश्मीरी भारतीय को वहां की नागरिकता मिलने पर प्रतिबंध है और वे वहां जमीन भी नहीं खरीद सकते हैं।

महबूबा जुटी कोशिशों में
अनुच्छेद 35ए को चुनौती दिये के खिलाफ  महबूबा मुफ्ती कश्मीर में भी राजनीतिक एकता बनाने की कोशिश में जुटी हैं। इस सिलसिले में उन्होंने बुधवार को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी फारूख अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी। वहीं दिल्ली रवाना होने के पहले महबूबा ने राजपाल एनएन वोहरा से मिलकर भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी।

 

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