बच्ची की मौत पर एक करोड़ का मुआवजा

Monday, Apr 27, 2015 - 10:31 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने शिशु के जन्म के समय लापरवाही बरतने पर अपोलो अस्पताल पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। डाक्टर की लापरवाही के कारण बच्ची जन्म के समय विकलांग हो गई थी। कई अस्पतालों में इलाज के बाद 12 साल की उम्र में उक्त बच्ची की मौत हो गई। आयोग ने बच्ची की मौत पर पैरंट्स को यह मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। 

आयोग ने कहा कि कॉरपोरेट अस्पतालों और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से उम्मीद की जाती है कि वे अन्य अस्पतालों और डॉक्टरों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। अस्पताल और उसकी एक डॉक्टर पर प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप था। 
 
यह मामला 1999 का है। जन्म के वक्त बच्ची असफिक्सिया से पीड़ित थी और लापरवाही की वजह से उसकी हालत बदतर होती चली गई। 2002 में इस बच्ची के माता-पिता ने मेडिकल नेगलिजेंस का आरोप लगाते हुए उपभोक्ता आयोग में अपील की थी। जब यह केस चल रहा था उसी दौरान बच्ची की मौत हो गई। इस कपल को कई साल के इलाज के बाद बच्चा पैदा हुआ था। एक करोड़ रुपये के कुल जुर्माने में से 80 लाख रुपये अस्पताल को देने होंगे और 20 लाख रुपये डॉक्टर सोहनी वर्मा को। 
 
इस मामले में डॉक्टर और अस्पताल का कहना है कि उन्होंने न तो अधिक मात्रा में दवा दी और न ही ऑपरेशन करने में देरी की। अस्पताल ने अपने तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की राय भी पेश की जिसमें कहा गया था कि जो उपचार किया गया वह बिल्कुल सही था। लेकिन आयोग ने इस राय को खारिज कर दिया।
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