दिल्ली को मिली पहली महिला ड्राइवर, पढ़ें पूरा सफर

Saturday, Apr 18, 2015 - 02:39 PM (IST)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आप पहली बार किसी महिला को बस चलाते हुए देखेंगे। दरअसल, दिल्ली सचिवालय में शुक्रवार शाम को परिवहन मंत्री गोपाल राय ने विधिवत बस नंबर 615 को रूट पर उतारते हुए बस की कमान पहली महिला ड्राइवर वी सरिता के हाथों सौंपी। राय का कहना था कि यह तो बस शुरुआत है, आने वाले दिनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला ड्राइवरों को तलाश किया जाएगा।

क्योंकि कंडक्टर के बाद ड्राइवर भी महिला होने पर महिला यात्री सुरक्षित महसूस करेंगी। सरोजनी नगर डिपो की बस में वी सरिता के साथ महिला कंडक्टर होगी। सरिता को दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से 17 अप्रैल को ही पीएसवी बैज (पैंसेजर्स सर्विस व्हीकल) प्राप्त हुआ है, इसी के साथ वो शॉर्ट टर्म के तहत डीटीसी के बेड़े में शामिल हो गईं।

वी सरिता के मुताबिक वे दक्षिण भारत के तेलंगाना के नालगौंडा से हैं। जहां उनके पिता एक आम किसान हैं। वे पिता की एकमात्र संतान हैं। हालांकि उन्होंने कभी बेटी नहीं समझा, बल्कि बेटों की तरह परवरिश की। इसके चलते बचपन से ही सलवार-कमीज की बजाय जींस-शर्ट और बाल भी लड़कों की तरह छोटे रखे। 

पिता का सपना था कि बेटों की तरह रहूं, इसलिए ऐसा काम करना चाहती थी, जोकि आम लड़कियां नहीं करती हैं। इसीलिए ड्राइविंग सीखी। फिर दक्षिणी दिल्ली में कार चलाना शुरू कर दिया। इसी बीच डीटीसी में महिला चालकों की भर्ती निकली तो परिवार से बात करने के बाद आवेदन कर दिया।

सरिता का कहना है कि बस चलाने के माध्यम से संदेश देना चाहती हूं कि बिना डरे आपको अपनी जिंदगी आगे बढ़ानी चाहिए। महिला होना कोई जुर्म नहीं, बल्कि पुरुष प्रधान समाज में अपनी जगह, अपनी काबिलीयत से बिना डरे बनानी चाहिए।

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