दादी की अस्थी विर्सजन के दौरान हुआ यमराज से सामना

Thursday, Apr 16, 2015 - 07:23 AM (IST)

पलवल(कपूर): गढ़ गंगा में अपनी दादी की अस्थियां विसर्जित करने के दौरान गंगा नदी में बहे आर्य नगर निवासी मोनू के शव को तलाशने का अभियान रोक दिया गया है। 4 दिनो तक लगातार चलने वाला रेस्कयू आप्रेसन में लगे गोताखोरों दल के दो दर्जन सदस्यों ने अब यह फैसला लिया है की अब आपरेसन को रोक दिया जाए। क्योंकि इस अभियान में लगे गोताखोरों ने गढ़ गंगा के ब्रिज घाट से भगवानपुर तक 25 किलोमीटर की दूरी का चप्पा चप्पा छान मारा है लेकिन मोनू का शव उन्हें कहीं नहीं मिला। हालांकि इस रेस्कयू आप्रेसन को 14 अप्रेल को एक सफलता उस समय हाथ लग गई थी जब गोताखोरों को गंगा घाट से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर करण का शव मिल गया था ।

जिसके चलते उन्हें आस बंधी थी की मोनू का शव भी वह ढूंढ निकालेंगे। मृतक करन और मोनू  के एक वरिष्ट पारिवारिक सदस्य सुरेश गवानियां ने जानकारी देते हुए बताया की गोताखोरों  द्वारा चार दिनो तक लगातार मशक्क़त के बाद भी मोनू का शव नहीं मिला। उन्होंने बताया की मृतक करण जिसका शव 14 अप्रेल को मिल गया था उसका दाह संस्कार गंगा तट पर कर दिया गया है। उल्लेखनीय है की गत 12 अप्रेल को करन और मोनू अपने एक दर्जन परिवारं के सदस्यों के साथ अपनी दादी महादेई की अस्थियां विसर्जित करने के लिए पलवल से गढ़ गंगा गए थे लेकिन अस्थि विसर्जन के बाद करन और मोनू गंगा में स्नान करने लगे और नहाते नहाते पानी की एक भंवर में फस गए और बह गए।

उधर आर्य नगर में एक ही परिवार में एक साथ हुई तीन मौतों से पूरा शहर ग़मगीन है औए उनके निवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। मोनू और करण चचेरे भाई भाई थे और मोनू जहां पलवल में एक सेलून चलाता था तो करण अपने ननिहाल में रहता था और पहलवानी करता था।

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