नितिन गडकरी पर लगे भ्रष्टाचार के संगीन आरोप

Sunday, Apr 05, 2015 - 06:49 PM (IST)

केंद्रीय परिवहन मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी का भ्रष्टाचार के आरोपों से चोली दामन का साथ रहा है, आरोप हैं कि गडकरी का पीछा ही नहीं छोडते। लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही संगीन है क्योंकि कभी उनके सबसे भरोसेमंद साथी महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस ने आरोपों की जांच के निर्देश दे दिए हैं। मामला  8 अगस्त, 2014 का है, नागपुर के मजदूर नेता जम्मू आनंद ने बुटीबोरी थाने में गडकरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यहां न्याय नहीं मिला तो फिर दो फरवरी 2015 को एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत की। यहां भी कोई कार्रवाई न होते देख आनंद सीएम फडनवीस के पास शिकायत लेकर पंहुचा, सीएम ने शिकायत पत्र पर ही नागपुर के विभागीय आयुक्त को इस मामले की छानबीन के निर्देश दे दिया।

आनंद ने गडकरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नागपुर के पास बुटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों को सस्ते घर दिलवाने के बहाने उनसे तीन गुना अधिक रकम लेने और सांसद एवं विधायक निधि का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया। आनंद ने आरोप लगाया कि सस्ते घर के लिए दो लाख 80 हजार रुपए की प्रस्तावित राशि के मुकाबले छह लाख 25 हजार 500 रुपए वसूले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि दोहरी निकासी और सांसद-विधायक फंड के नियम के विपरीत इस्तेमाल के लिए भाजपा के दिग्गज नेताओं, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर और नितिन गडकरी सहित अन्य नेताओं के विकास फंड का दुरुपयोग भी हुआ।

सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज दिखाते हुए जम्मू आनंद ने बताया,कि मजदूरों से वैट और सर्विस टैक्स के नाम पर 92 लाख रुपए वसूल तो किए गए, लेकिन संबंधित विभागों में यह राशि कभी जमा नहीं की गई। नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के नाम पर भी पैसे लिए गए। गडकरी की संस्था अन्त्योदय घरकूल प्राइवेट कंपनी लिमिटेड ने 2002 में बुटीबोरी औद्योगिक परिसर में काम करने वाले मजदूरों के लिए सस्ते घर बनाने का प्रस्ताव महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) को दिया था।

इस प्रस्ताव को एमआईडीसी ने नामंजूर कर दिया। इसके बाद 2005 में इंडोरामा गृह निर्माण सहकारी संस्था बनाई गई, जिसके सलाहकारों में गडकरी और उनके करीबी रहे और वर्तमान मुख्यमंत्री फडनवीस शामिल हैं। अन्त्योदय घरकूल प्राइवेट कंपनी लिमिटेड के कई अधिकारी भी इंडोरामा गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारी हैं और संस्था का पता गडकरी का नागपुर स्थित आवास है। जम्मू का दावा है कि इस संस्था का काम गडकरी के निजी सचिव सुधीर देउलगांवकर देखते हैं और वह ही मजदूरों के संपर्क में भी रहे हैं।

बहरहाल जब गडकरी से बात करने की कोशिश की गई तो उनके निजी सचिव नितिन कुलकर्णी ने कहा,साहब इस पर कुछ भी नहीं कहेंगे।
उन्होंने इस मसले पर इंडोरामा के पदाधिकारी आर शर्मा से बात करने की सलाह दी, लेकिन आर शर्मा से संपर्क नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री के अंडर सेक्रेटरी अभिमन्यु पवार ने मुख्यमंत्री के जांच के आदेश के सवाल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री बुरे फंस गए।

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