अगर आपके घर में भी बल्ब लगे है तो पढ़े यें जरूरी खबर

Friday, Mar 27, 2015 - 02:59 AM (IST)

नई दिल्ली : सी.एफ.एल. बल्ब स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं क्योंकि इनसे भारी मात्रा में मर्करी निकलती है जो सेहत के लिए हानिकारक होती है। एक अध्ययन के अनुसार पिछले साल दिल्ली 14.93 सी.एफ.एल. बल्बों से करीब 74.65 किलो मर्करी निकली है। यह सर्वे दिल्ली के 180 मध्यवर्गीय परिवारों पर किया गया जिनमें से करीब 93.9 प्रतिशत इसलिए सी.एफ.एल. बल्ब का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ये बिजली की खपत कम करते हैं। 34 प्रतिशत लोग पूरे घर में सी.एफ.एल. बल्ब का प्रयोग करना चाहते हैं जबकि 29.4 प्रतिशत लोग सी.एफ.एल. बल्ब नहीं लगाना चाहते हैं। 

इसके अलावा 30 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं है कि सी.एफ.एल. बल्ब मर्करी छोड़ते हैं। 82 प्रतिशत लोगों ने माना कि सी.एफ.एल. बल्ब के कचरे की डंपिंग अलग से की जानी चाहिए। भोपाल में भी करीब 90 परिवारों में यह सर्वे करवाया गया लेकिन इनमें से एक भी परिवार इसकी सुरक्षित डंपिंग के बारे में बता नहीं सका।
 
सुरक्षित रिसाइक्लिंग हमारा कत्र्तव्य
सी.एफ.एल. बल्ब की सुरक्षित डंपिंग केलिए केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा 2008 में गाइडलाइन बनाई है। हालांकि अभी तक इस गाइडलाइन को बाध्यकारी नहीं बनाया गया है। 
 
संग्रह
सी.एफ.एल. बल्ब को रिसाइक्लिंग करने वाली इकाइयां इनको कबाड़ीवालों से हायर करती हैं। हालांकि ये इकाइयां डोर टू डोर जाकर खुद भी इन बल्बों का संग्रह कर सकती हैं। 
 
परिवहन 
कबाड़ वालों को चाहिए कि सी.एफ.एल. बल्बों को ले जाने के लिए अच्छे वाहन का इस्तेमाल करें ताकि इनकी तोडफ़ोड़ कम हो। इस्तेमाल किए गए बल्बों को सीधे इनको रिसाइक्लिंग करने  वाली यूनिटों में ले जाना चाहिए सी.एफ.एल. बल्बों के सुरक्षित परिवहन के लिए कबाड़ीवालों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
 
तुरंत क्या किया जाना चाहिए
इस्तेमाल किए गए सी.एफ.एल. बल्ब बैग में डाल कर कूड़ा इकठ्ठा करने वाले को दे दें। नगर परिषद को सी.एफ.एल. बल्बों के सुरक्षित परिवहन के लिए कूड़ा एकत्रित करने वालों को प्रशिक्षित करना चाहिए। इसकी सुरक्षित डंपिंग के लिए कंकरीट से बने स्थान का इस्तेमाल हो। डंपिंग वाला स्थान भर जाए तो उसे ढक दें।
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