वर्ल्ड कप में भारत ने लगाया जीत का ''छक्का''

Saturday, Mar 14, 2015 - 03:55 PM (IST)

आकलैंड: सुरेश रैना(नाबाद 110) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी(नाबाद 85) के बीच पांचवें विकेट के लिये 196 रन की धमाकेदार अविजित साझेदारी ने खराब शुरूआत के बाद भारत की स्थिति को संभालते हुए जिम्बाब्वे के खिलाफ पूल बी के आखिरी मुकाबले में छह विकेट से जीत दर्ज कर विजयी अभियान को जारी रखा।
 
धोनी और रैना ने पांचवें विकेट के लिए 196 रन की अविजित साझेदारी की जो मौजूदा विश्वकप में भारत की ओर से सबसे बड़ी साझेदारी है। कप्तान धोनी ने छक्का लगाकर टीम को एक बार फिर जीत की मंजिल तक पहुंचाया। धोनी ने नाबाद 85 और रैना ने नाबाद 110 रन की पारियां खेली।  
 
भारत ने 48. 4 ओवरों में आठ गेंदे शेष रहते चार विकेट के नुकसान पर 288 रन बनाकर जीत दर्ज की। इससे पहले जिम्बाब्वे ने 48. 5 ओवरों में सभी विकेट खोकर 287 रन बनाए थे। यह लगातार छठा मैच है जब भारत ने विपक्षी टीम को आल आउट किया है। इसी के साथ छह मैचों में भारत ने 60 विकेट का आंकड़ा पूरा कर लिया है।  अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे जिम्बाब्वे के कार्यवाहक कप्तान ब्रैंडन टेलर की हालांकि जीत के साथ विदाई की इच्छा अधूरी रह गई लेकिन उनकी 138 रन की शानदार पारी ने जरूर उनकी विदाई को भावुक और यादगार बना दिया। टेलर ने 110 गेंदों में 15 चौके और पांच छक्के लगाए। टेलर के करियर का यह आठवां शतक है। वह जिम्बाब्वे की ओर से वनडे में तीसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन हैं। उन्होंने 167 मैचों में 5258 रन बनाए हैं। इसके अलावा जिम्बाब्वे की ओर से विश्वकप में 400 रन बनाने वाले वह पहले खिलाड़ी बन गए हैं।  इससे पहले भारतीय तेज गेंदबाजों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया और जिम्बाब्वे की रन गति को रोकने का प्रयास किया।
 
मोहम्मद शमी ने नौ ओवरों में 48 रन पर 3 विकेट, उमेश यादव ने 9. 5 ओवर में 43 रन पर तीन और मोहित शर्मा ने 10 ओवरों में 48 रन पर एक विकेट लिया। लेकिन आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन बहुत महंगे साबित हुए और 10 ओवरों में 75 रन पर एक विकेट निकाला। अश्विन का वनडे में यह सबसे महंगा प्रदर्शन था। आखिरी बार उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 10 ओवरों में 74 रन का सबसे सबसे महंगा और निराशाजनक प्रदर्शन किया था।
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