...तो नहीं होती इतनी बड़ी अनहोनी

Thursday, Mar 05, 2015 - 07:34 AM (IST)

नारायणगढ़(धर्मवीर): बीती रात गांव बेरखेड़ी में पानी में डूबकर मनस्वी नामक बच्चे की मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। वहीं विभाग द्वारा सामने आई लापरवाही व नाकामी को लेकर पूरे गांव में गुस्से का माहौल है। गांव बेरखेड़ी के 9 वर्षीय मनस्वी उर्फ मोंटी की बीती रात बरसाती नाले में डूबकर मौत हो गई थी। बुधवार को उसके अंतिम संस्कार के पहुंचे ग्रामीणों में हर व्यक्ति की जुबान पर एक ही बात थी कि यदि विभाग जरा भी दया करता तो  इतनी बड़ी अनहोनी न होती। मां का इकलौता पुत्र न छिनता।

अनेक सरकारें आईं बरसाती नाले का कुछ नहीं हुआ 

गांववासियों का कहना था कि 15-20 सालों से अनेक सरकारें आईं व गईं परंतु इस बरसाती नाले का कुछ नहीं हुआ। जब भी बरसात का पानी आता है तो इस रास्ते पर 5-6 फिट तक पानी इकट्ठा हो जाता है। उस दौरान पता ही नहीं चलता कि यहां कोई पुली है। इस कारण अनेक हादसे हो चुके हैं। कुछ समय पहले ही यहां एक कार चालक एवं 1 ट्रैक्टर चालक इस पानी में बह चुके हैं। यही नहीं गांव का ही एक बैलगाड़ी वाला उस पानी में से निकलने के दौरान उसमें बह गया। वह अपने बैल की पूंछ पकड़कर बड़ी मुश्किल से पानी से बाहर निकला। पुली के नजदीक विशाल गड्ढे में पानी की गहराई करीब 15 फिट के आसपास है। इसकी शिकायत विभाग को अनेक बार की जा चुकी है। विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि पुली के दोनों तरफ कोई स्पोर्ट वगैरह भी नहीं बनाई गई है।

मनस्वी की मौत पर पागल-सी हो गई है मां 

मनस्वी की मौत पर उसकी मां की स्थिति पागलों की सी हो गई है। उसे अपने इकलौते बेटे की मौत का विश्वास ही नहीं हो रहा। गांव अम्बली के एक प्राइवेट स्कूल में चौथी कक्षा में पढऩे वाले मनस्वी की मौत पर पूरा गांव स्तब्ध है। मौजूदा सरपंच श्रीराम का कहना है कि इस बरसाती नाले को लेकर उन्होंने पी.डब्ल्यू.डी. के कार्यकारी अभियंता को इस बारे अनेक बार लिखा है तथा हर बार कार्यकारी अभियंता का यह कहना था कि इस रास्ते बारे प्रपोजल ऊपर भेजा गया है। मंजूर होने पर इसका कार्य शुरू होगा। परन्तु अनेक वर्ष बीत जाने पर भी आज तक इसबारे कोई कार्य नहीं हुआ। अन्य कार्य तो दूर बरसाती नाले के दोनों तरफ आज तक विभाग ने स्पोर्ट तक नहीं लगाई।

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