J&K में ‘मुफ्ती’ और ‘अफजल गुरु’ को लेकर घिरी सरकार!

punjabkesari.in Tuesday, Mar 03, 2015 - 12:53 PM (IST)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की सरकार बनते ही पीडीपी की ओर से विवादास्पद बयानों की शुरुआत हो गई है। इसके चलते भाजपा को सफाई देनी पड़ रही है और उसके नेता, प्रवक्ता बयानों को महत्व ना देने की बात कह रहे हैं। आतंकी अफजल गुरु और सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान पर आज संसद में भारी हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई।

सरकार बनने के दिन ही सीएम मुफ्ती ने कश्मीर में चुनाव के लिए पाकिस्तान, आतंकियों और हुर्रियत को श्रेय दे डाला। इसके अगले दिन 9 विधायकों ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी को न्याय का मजाक करार दिया। पीडीपी विधायक खलील बन ने कहा है कि सरकार द्धारा अफजल गुरु को फांसी देना गत है। उन्होंने कहा कि उसके साथ अन्याय हुआ। बन सहित आठ पीडीपी विधायकों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अफजल गुरु का शव उसके परिजनों को सौंपने की मांग की है। 

इस विवादित मुद्दे पर फिलहाल केंद्र ने चुप्पी साध ली है, लेकिन विपक्ष चुप बैठने के मूड में नहीं है। हालांकि, बाद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान के जरिए यह साफ किया कि सरकार का ‘मुफ्ती’ के बयान से कोई लेना देना नहीं है, ये सिर्फ पीडीपी की राय है। गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले मेेंंं दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की महिला कांस्टेबल और दो सुरक्षा गार्ड शहीद हो गए थे। पुलिस के अनुसार, अफजल इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता था। उसे 9 फरवरी 2013 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। 


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