भाई साहब! आप ATM को लेकर परेशान क्यों हैं

Monday, Mar 02, 2015 - 07:18 AM (IST)

शाहाबाद मारकंडा (अरुण): क्या हुआ, भाई साहब! आप ए.टी.एम. को लेकर परेशान क्यों हैं। क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूं। यह बात सुनकर आप हो जाएं होशियार। चूंकि वह आपकी मदद नहीं, बल्कि इसके बहाने करने वाला है ठगी। यदि आप किसी को नहीं जानते तो भूलकर भी उसके हाथों में अपना ए.टी.एम. कार्ड न थमाएं। कुछ स्मार्ट ठग अक्सर ए.टी.एम. कक्ष के इर्द-गिर्द मंडराते रहते हैं और मौका मिलते ही किसी न किसी को शिकार बना लेते हैं।
 
2 या इससे अधिक लोग आपस में बात करते हुए प्रवेश करते हैं और लक्ष्य की तरफ ध्यान देते हैं कि वह क्या कर रहा है और उसे जैसे ही थोड़ी दिक्कत आती है तो वह उसे बातों में लगा लेते हैं। पैसा लेने वाला व्यक्ति भी बातों में आकर भरोसा कर बैठता है और अपना ए.टी.एम. कार्ड इन लोगों के हाथों में थमा बैठता है। कुछ बहानेबाजी के बाद ये नकली कार्ड उसे पकड़ा देते हैं और कह देते हैं कि ए.टी.एम. में पैसे नहीं हैं। उसके बाद संबंधित के कार्ड को उसके द्वारा बताए पासवर्ड के जरिए पैसे निकालकर फरार हो जाते हैं।

भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी विरेंद्र ठुकराल ने बताया कि ए.टी.एम. ग्राहक के पास उसका पासवर्ड होता है मगर जागरूकता न होने के कारण यह लोग ठगी का शिकार होते हैं। वह अपने पासवर्ड गोपनीय रखें और किसी प्रकार की दिक्कत आने पर बैंक प्रबंधक से मिलें। ए.टी.एम. कार्ड का प्रयोग करते समय केवल 1 व्यक्ति ए.टी.एम. बूथ में होना चाहिए। शक होने पर अपना पासवर्ड बदल लें। यदि व्यक्ति को पता चले कि वह ठगी का शिकार हो गया है, उसे इसकी जानकारी तुरंत बैंक को देनी चाहिए ताकि उसका ए.टी.एम. कार्ड ब्लॉक किया जा सके।

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