मां-बाप का सहारा बन रहे यह बच्चे!

Saturday, Feb 28, 2015 - 06:10 AM (IST)

शाहाबाद मारकंडा (अरुण): बढ़ती महंगाई के कारण गरीब लोगों का जीना दूभर हो रहा है जिस कारण वह अपने बच्चों को ऐसे कार्यों में धकेल रहे हैं जो कानून के विरुद्ध है। केंद्र सरकार ने बालश्रम पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन शहर तथा आसपास के क्षेत्रों में बच्चे कूड़े के ढेर में से कबाड़ चुनने में मशरूफ देखे जा सकते हैं। यह बाल श्रमिक सरकार द्वारा लगाए बालश्रम उन्मूलन अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। परिवार का पालन-पोषण करने में ये बच्चे भी सहायक सिद्ध हो रहे हैं क्योंकि ये सवेरे 3-4 घंटे कबाड़ चुनकर 15-20 रुपए इक_ा कर लेते हैं। ये अपने मां-बाप का हुक्म मानकर गलियों में गंदगी से कबाड़ का सामान चुगने में लग जाते हैं।

कुछ बच्चे तो डंडों पर चुम्बक लगाकर सड़कों पर घूमते हैं तथा सड़कों पर पड़े लोहे के पतरे, कील आदि चुनते हैं। इस कार्य में कुछ महिलाएं व लड़कियां भी लगी हैं। कुछ महिलाएं व पुरुष मौका मिलते ही घर से सामान भी चोरी करने से नहीं चूकते। जहां सारे शहर का कूड़ा-कर्कट डाला जाता है, वहां भी कबाड़ चुनने वाले पहुंच जाते हैं और गंदगी में से मनपसंद सामान खोज निकालते हैं। शहर के समाजसेवी वर्ग का कहना है कि इनको सुधारने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। इनके अभिभावकों को आर्थिक सहायता दी जाए। ऐसे बच्चों को ऐसे स्कूलों में दाखिला दिलाए जहां उन्हें वित्तीय सहायता के साथ शिक्षा भी मुफ्त दी जाए।

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