PM मोदी ने की कांग्रेस के काम की तारीफ

Friday, Feb 27, 2015 - 06:04 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को पारित कराने में सहयोग करने की अपील करते हुए आज कहा कि यदि इसमें किसानों के खिलाफ कुछ भी है तो वह बदलाव के लिए तैयार हैं। मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राजनीति को विकास में नहीं लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2013 भूमि अधिग्रहण कानून बनाते समय भारतीय जनता पार्टी ने भी तत्कालीन सरकार का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया था। भले ही हम जानते थे कि जल्दबाजी में यह काम सरकार राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है।

 उन्होंने कहा कि कानून बनने के बाद जब उनकी सरकार बनी तो सभी दलों के मुख्यमंत्रियों ने एक आवाज में कहा कि किसानों के लिए सिंचाई और गांवों में बुनियादी सुविधाएं चाहिए लेकिन ऐसा कानून बन गया है जो ठीक नहीं है। सैनिकों का भी यह कहना था कि परमाणु प्रतिष्ठान बनाने के लिए जमीन की जरूरत है। परमाणु प्रतिष्ठान आदि बनाना भी मुश्किल है। ऐसी स्थिति आ गई है कि इस बारे में पाकिस्तान को ही लिख दिया जाए कि इस पते पर यह काम हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या मुख्यमंत्रियों की बात नहीं सुननी चाहिए थी। उनकी भावना था सकारात्मक आदर क्यों नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं भी मुख्यमंत्री रहा हूं और उन्हें कितनी परेशानी होती है यह जानता हूं। मैं उनका भी प्रतिनिधि हूं। उनके दर्द को जानता हूं।’’

नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के बनाए लैंड बिल की तारीफ करते हुए कहा कि आपने अच्छा काम किया है  और हम बस उसमें कुछ कमियों को दूर करना चाहते हैं। वह पिछली सरकार की कोशिश में कुछ जोडऩा चाहती है। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में दिए भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष का आरोपों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के खिलाफ कोई काम नहीं करना चाहती और लैंड बिल उनकी भलाई के लिए है। मोदी ने कहा, ''आपने जो किया है, हम उसको नकारते नहीं हैं। हम बस कुछ जोडऩा चाहते हैं। कपया करके इसको राजनीति से मत जोडिय़े।''

उन्होंने सवाल किया कि 1894 के कानून को बदलने के लिए 2014 तक इंतजार क्यों करना पडा। इसकी वजह से किसानों का बुरा किसने किया। उनका कहना था कि देश का पूर्वी हिस्सा विकास के मामले में पिछडा हुआ है। पूर्वी भारत को देश के पश्चिमी हिस्से की बराबरी में लाने की जरूरत है। इसके लिए भी संशोधन जरूरी है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उसका बनाया भूमि अधिग्रहण कानून यदि कारगर होता तो उसे लोकसभा चुनावों में ऐसी हार नहीं देखनी पडती। वह इस कानून का श्रेय लेकर जनता के बीच वोट मांगने गई थी लेकिन जनता जनार्दन ने उसे फिर से सत्ता सौंपने से इन्कार कर दिया। जनता को यह कानून पसंद नहीं आया और कांग्रेस को उसका गुस्सा झेलना पड़ा।  

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