...तो गुजरात देश का दूसरा कश्मीर बन गया होता: बंजारा

Wednesday, Feb 18, 2015 - 07:07 PM (IST)

नई दिल्ली: इशरत जहां और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामलों में गुजरात के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा 8 साल बाद मंगलवार को साबरमती जेल से रिहा हो गए। जेल से रिहा होकर बाहर निकले वंजारा ने कहा, ''निश्चित तौर पर मेरे लिए और गुजरात पुलिस के बाकी अधिकारियों के लिए अच्छे दिन आ गए हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस को ''राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया गया।'' वंजारा ने मीडिया से कहा, ''देश के हर राज्य में पुलिस आतंकवाद के खिलाफ लड़ रही है लेकिन पहले के राजनीतिक शासन ने गुजरात पुलिस को सिर्फ एक बार नहीं बल्कि पिछले आठ सालों तक निशाना बनाया।''

एक संवाददाता सम्मेलन में वंजारा ने कहा, ''''अगर पुलिस ने कार्रवाई न की होती, तो आज गुजरात देश का दूसरा कश्मीर बन गया होता। ''''उन्होंने कहा कि सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस पर राजनीतिक करणों से कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। अपना फर्ज़ निभाने की वजह से उन्हें आठ साल तक जेल में रहना पड़ा। 
 
वंजारा ने कहा, ''सबसे ज्यादा मुठभेड़ उत्तर प्रदेश में हुईं जबकि गुजरात में यह सबसे कम हुईं। इसके बावजूद गुजरात पुलिस को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया गया।'' जेल के बाहर पूर्व डीआईजी को उनके सैकड़ों समर्थकों ने शुभकामनाएं दीं। एक स्थानीय अदालत ने इशरत जहां मामले में तीन फरवरी को उन्हें जमानत दे दी थी, जबकि सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति मामले में मुंबई की एक अदालत से उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी।
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