सैल फोन बढ़ाते हैं वायु प्रदूषण व ग्लोबल वार्मिंग

Sunday, Feb 01, 2015 - 11:14 PM (IST)

मुम्बई (हिं.ट.): इस बारे में चाहे कोई न जानता हो परन्तु हर समय सैल फोन के प्रयोग से ग्लोबल वार्मिंग में विस्तार होता रहता है। भारत का टैलीकाम नैटवर्क विश्व में अमरीका के बाद दूसरा सबसे बड़ा है और इसका विशाल नैटवर्क हानिकारक मलीनता और ग्रीन हाऊस गैसें पर्यावरण में छोड़ता रहता है।

यह जानकारी जर्मनी स्थित इंस्टीच्यूट ऑफ एनर्जी एंड क्लाइमेट रिसर्च-ट्रॉपोसफियर और इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ ट्रॉपीकल मैट्रीरियोलॉजी (आई.आई.टी.एम.) पुणे की तरफ से जारी सांझी रिपोर्ट में दी गई है। यह अध्ययन रिपोर्ट एटमॉसफेयरिक एनवायरनमैंट के जनवरी अंक में प्रकाशित की गई है।

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