इंदिरा गांधी की कार उठाने वाले ने बताई पूरी सच्चाई

Sunday, Feb 01, 2015 - 06:17 PM (IST)

नई दिल्ली: 1982 में  प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गाड़ी का चालान काटने का मामले पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। आए दिन इस मामले  में नई नई बाते सामने आ रही हैं। अब ये बात सामने आई है कि चालान उन्होंने नहीं, बल्कि ट्रैफिक सबइंस्पेक्टर निर्मल सिंह घुम्मन ने काटा था। जिसके बाद ये मामला मीडिया में सुर्खियों में आ गया। इस मामले पर निर्मल सिंह किरण बेदी का बचाव करने पहली बार खुद मीडिया के सामने आए। 

निर्मल सिंह ने कहा, ''तत्कालीन प्रधानमंत्री की गाड़ी क्रेन से मैंने उठवाई थी, लेकिन किरन बेदी ने कभी क्रेडिट लेने की कोशिश नहीं की बल्कि उन्होंने तो अपनी किताब में मेरा नाम भी लिखा है।''
 
निर्मल ने एक समाचार पत्र में बातचीत करते हुए बताया, ''किरन ट्रैफिक डीसीपी थीं। मैंने उन्हें प्रधानमंत्री की गाड़ी के चालान के बारे में बताया तो उन्होंने मुझे शाबाशी दी। साथ ही उन्होंने बताया मेरा ट्रांसफर एयरपोर्ट कर दिया गया लेकिन किरन ने मुझे रिलीव नहीं किया। इसकी सजा देते हुए उन्हें गोवा भेजा दिया गया था।''
 
पूरी घटना के बारे में निर्मल ने बताया, ''अगस्त 1982 में उस समय मैं संसद मार्ग थाने का जोनल ऑफिसर (एसआई ट्रैफिक) था। मिंटो रोड के समीप यार्क होटल के सामने कार एक्सेसरीज की दुकानें थी। गाडिय़ों के चालान होते थे तो दुकानदार परेशान रहते थे। उस मार्केट असोसिएशन के एक पदाधिकारी ने मुझे मेसेज भेजा था। मुझसे कहा गया कि आज पीएमओ की गाड़ी आई है, चालान करके दिखा दो।''
 
निर्मल सिंह ने बताया कि वहां पर DL-1817 नंबर की ऐंबैसडर कार खड़ी थी। वह गाड़ी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की थी। दुकानदार ने चैलेंज किया कि गाड़ी उठावाओ तो मैंने गाड़ी उठवा ली। लेकिन जब गाड़ी मैं क्रेन से ले जाने लगा तो आगे वह आ गए। उन्होंने गाड़ी को छोडऩे के लिए कहा। मैंने 100 रुपये का चालान करने के बाद गाड़ी को छोड़ दिया था। 
 
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी नेता किरन बेदी को लेकर विवाद उठा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गाड़ी निर्मल सिंह नाम के पुलिसकर्मी ने उठवाई थी और किरन खुद इसका क्रेडिट लेती रहीं।
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