किराए पर कोख देने वाली महिलाओं (सरोगेट मदर) के लिए खबर

Saturday, Jan 31, 2015 - 12:44 PM (IST)

नई दिल्ली: सरोगेट मदर का ख्याल अब सरकार रखेगी। सरोगेट मदर का गलत इस्तेमाल करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए अब केंद्र सरकार बजट सत्र में एक बिल को पेश करेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिल से संबंधित अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसके कानून बनने से किराए पर कोख देने वाली गर्भवती महिला के स्वास्थ्य सुरक्षा को संरक्षित किया जा सकेगा। 

 

जबकि इससे पैदा हुए बच्चों के बाल अधिकारों को भी कानून में शामिल किया जाएगा। नए बिल से यह तय हो सकेगा कि एक महिला कितनी दफा सरोगेट मदर (किराए पर कोख देने वाली महिला) बन सकती है। इसके लिए महिला की न्यूनतम आयु, क्षतिपूर्ति राशि, सुविधा और दंड के बारे में कानूनी जानकारी हासिल की जा सकेगी। इसका लाभ सरोगेट मदर को सीधे मिल सकेगा। स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक वीएम कटोच ने बताया कि सरोगेसी से संबंधित दिशा निर्देश तो हैं लेकिन इस संबंध में अब तक कोई कानून नहीं बन सका था। 

 

इसलिए अब कानूनी रूप देकर भारत में सरोगेसी से जुड़ी समस्याओं का निदान संभव हो सकेगा। बजट सत्र में इसे पेश करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। खास बात यह है कि इससे किराए पर कोख का इस्तेमाल कर मुकरने या गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को अनदेखा कर अपना मतलब निकाले वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। 

 

वहीं विदेशी दंपतियों को भी सरोगेसी का लाभ लेने के लिए कानून का पालन करना अनिवार्य होगा। माना जा रहा है कि गरीब राज्यों में सरोगेसी को एक धंधे का रूप दे दिया गया है। गुजरात और महाराष्ट्र में विदेशी दंपति बहुत ज्यादा रकम अदा कर इसका लाभ उठा रहे हैं। कानून बनने से किराए पर कोख देने वाली गर्भवती महिला के स्वास्थ्य सुरक्षा को संरक्षित किया जा सकेगा। 

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