अोबामा दौरे के बाद मोदी सरकार के तीन बड़े फैसले

Thursday, Jan 29, 2015 - 11:36 AM (IST)

अमरीकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा के भारत दौरे के बाद मोदी सरकार भारतीय निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों को लुभाने में जुट गई हैं  इसलिए सरकार ने तीन बड़े फैसले लिए हैं।  जैसे

 

वोडाफोन पर सरकार होगी मौन

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों को कर नीतियों में अनिश्चितता खत्म करने का जो भरोसा हाल ही में दिलाया था उसी दिशा में ठोस कदम उठा  दिया है।  सरकार ने ब्रिटेन की दिग्गज दूरसंचार कंपनी वोडाफोन से जुड़े कीमत हस्तांतरण मामले में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में नहीं जाने का फैसला किया है। 

 

यह मामला कर प्राधिकरण और कंपनी द्वारा शेयर के मूल्यांकन में अंतर की वजह से 3,200 करोड़ रुपए की कर देनदारी को लेकर शुरू हुए विवाद से संबंधित है। यह फैसला कैबिनेट की  बैठक में लिया गया। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कर प्राधिकारी अमरीका के साथ ऐसे ही अन्य मामलों को निपटाने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दे रहे हैं। 

 

सरकार के इस फैसले से उन विदेशी निवेशकों के मन में मौजूद संदेह मिट जाएगा, जो भारत में निवेश के मामले में आगे बढऩे के बजाय अभी तक इंतजार ही कर रहे थे।  

 

डेलॉयट इंडिया में कर विश्लेषक नीरू आहूजा ने कहा, ''इस कदम से न सिर्फ लंबित पड़े मामलों में मदद मिलेगी बल्कि भारतीय सहायक कंपनियों में निवेश करने के लिए इंतजार कर रही कंपनियों को भी राहत मिलेगी।'' 

 

 सीआईएल में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय 

 

 

सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड  (सीआईएल) में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है। सरकार ने कहा कि कोल इंडिया में विनिवेश बिक्री पेशकश के जरिए की जाएगी, जो देश में सबसे बड़ी बिक्री पेशकश होगी। मौजूदा शेयर भाव 384.05 रुपए के हिसाब से कोल इंडिया की 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से सरकार को करीब 24,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इस बीच बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बाजार (सेबी) ने कहा है कि कोल इंडिया के शेयर की बिक्री के मद्देनजर शेयर बाजारों ने निगरानी प्रणाली को चाक चौबंद किया गया है।

 

कोल इंडिया ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ''कोल इंडिया में शेयर बिक्री 30 जनवरी को शुरू होगी और उसी दिन अपराह्नï साढ़े तीन बजे बंद होगी।'' पेशकश में 20 फीसदी शेयर खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रखा गया है। साथ ही न्यूनतम 25 फीसदी शेयर म्युचुअल फंडों और बीमा कंपनियों के लिए आरक्षित किया जा सकता है।  

 

 

3जी स्पेक्ट्रम नीलामी की कीमत 3,705 करोड़ रुपए तय

 

केंद्र सरकार ने 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड पर स्पैक्ट्रम नीलामी के लिए प्रति मेगाहर्ट्ज 3,705 करोड़ रुपए की कीमत तय की है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आधार मूल्य को मंजूरी दे दी गई। 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्तेमाल 3जी मोबाइल सेवा के लिए किया जाता है, इसलिए इसकी कीमत अधिक होती है। 2,100 मेगाहर्ट्ज के लिए 3,705 करोड़ रुपए की कीमत पूरे देश में लागू होगी।

सरकार के मुताबिक पांच मेगाहर्ट्ज ब्लॉक 17 लाइसेंस सर्विस एरिया (एलएसए) के लिए रखा जाएगा। इस प्रकार 85 मेगाहर्त्ज की नीलामी की जाएगी। सरकार के मुताबिक 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड पर स्पेक्ट्रम की नीलामी से 17,555 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है। इनमें से 5,793 करोड़ रुपए की प्राप्ति चालू वित्त वर्ष के दौरान हो सकती है।

 

सरकार ने 800 मेगाहर्ट्ज बैंड, 900 मेगाहर्ट्ज बैंड व 1,800 मेगाहर्त्ज बैंड पर स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए पहले ही आधार कीमत तय कर दी है। इन स्पेक्ट्रम की नीलामी 3जी स्पेक्ट्रम के साथ आगामी 4 मार्च से शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक इन सभी चार बैंड के स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को एक लाख करोड़ रुपये की प्राप्ति की उम्मीद है।  

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