''सांई की मूर्ति स्थापित करें लेकिन मंदिर का नाम न दें''

Wednesday, Jan 28, 2015 - 04:48 PM (IST)

नई दिल्ली: ज्योतिषपीठ बद्रिकाश्रम एवं शारदा पीठा द्वारका के शंकराचार्य जगदगुर स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने सांई बाबा को मनाने वाले लोगों से कहा है कि वे चाहे तो सांई की मूर्ति स्थापित करें लेकिन उन्हें देवी देवता के रुप में प्रस्तुत कर उनका नाम मंदिर नहीं दें। शंकराचार्य आज यहां दशहरा मैदान में आयोजित एक धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि सांई को लेकिर कवर्धा में हुई धर्मसभा के बाद अभी प्रयाग में सभा हुई थी और अब 29 जनवरी को बैतूल में धर्मसभा आयोजित की गई है इस सभा में सांई बाबा संस्थान के लोगों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि हिन्दुओं को विभाजित होने से रोका जा सके।  

उन्होने दोहराया कि देवी देवताओं के मंदिर बनाये जाते हैं किसी संत की मृत्यु के उपरांत उसकी मूर्ति तो श्रद्धालु स्थापित कर सकते हैं लेकिन मंदिर बना कर उसे भगवान का रुप देना सनातन धर्म में वॢजत है। उन्होने कहा कि सनातन धर्म में आद्य शंकराचार्य ने हिन्दू को धर्म से संबंधित मार्गदर्शन देने के लिए शंकराचार्य नामक संस्था स्थापित की थी और वहीं हिन्दुओं की प्रेरणा का केन्द्र है। शंकराचार्य ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कुछ नेताओं की इस बात से असहमति जताई कि हिन्दू दस-दस बच्चे पैदा करें। 
 
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