मोदी-ओबामा ने कहा ‘ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे’

Monday, Jan 26, 2015 - 03:17 AM (IST)

नई दिल्ली : भारत और अमरीका के बीच एटमी डील पर गतिरोध टूट गया है और दोनों देश व्यावसायिक सहयोग की दिशा में आगे बढऩे और विशिष्ट आधुनिक रक्षा प्रणालियों का मिलकर निर्माण और विकास करने पर सहमत हुए हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अकेले में और प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एटमी डील से दोनों देशों के संबंधों में नई दिशा और नया विश्वास आया। नई आर्थिक संभावनाएं तथा स्वच्छ ऊर्जा के लिए हमारे विकल्प बढ़े। मोदी और ओबामा ने कहा कि भारत व अमरीका के रिश्ते और मजबूत बनाने के लिए वे वचनबद्ध हैं और विभिन्न क्षेत्रों में एक-दूसरे को सहयोग देंगे। मोदी और ओबामा के बीच हुई उत्साहजनक वार्ता स्पष्ट संकेत था कि ‘ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे’।
 
मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि एटमी डील  पर हस्ताक्षर के 6 साल बाद हम इसमें व्यावसायिक सहयोग पर आगे बढ़ रहे हैं जो हमारे कानून और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दायित्वों तथा तकनीकी एवं व्यावसायिक व्यावहारिकता के अनुरूप होगा। 
 
 रक्षा क्षेत्र में सहयोग की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि हमने अपने बढ़ते रक्षा सहयोग को एक नए स्तर तक ले जाने का निर्णय भी लिया है। आज हम विशेष आधुनिक रक्षा प्रणालियों का मिलकर विकास और उत्पादन करने पर सिद्धांतत: सहमत हुए हैं। इससे हमें रक्षा उद्योग को उन्नत बनाने और निर्माण क्षेत्र के विस्तार में मदद मिलेगी। 
 
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने डिफैंस फ्रेमवर्क एग्रीमैंट का 10 वर्ष के लिए नवीकरण भी किया है और दोनों समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाएंगे। आतंकवाद को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खतरा बताते हुए मोदी ने कहा कि इसका स्वरूप बदल रहा है जबकि पुरानी चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं। दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि इसका मुकाबला करने के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीति की जरूरत है। आतंकवादी संगठनों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत और अमरीका आतंकवादी गुटों के खिलाफ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग तथा आतंकवाद से मिलकर लडऩे की क्षमताओं को बढ़ाएंगे।
 
मजबूत आर्थिक संबंधों को रणनीतिक भागीदारी की सफलता के लिए अहम बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते सुधर रहे हैं। दोनों देशों में व्यापार 100 अरब डालर तक बढ़ाने पर सहमति हुई। दोनों पक्ष जल्दी ही द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत फिर से शुरू करेंगे। दोनों देश सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी विचार-विमर्श फिर से शुरू करेंगे जो अमरीका में कार्यरत लाखों भारतीय पेशेवरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि भारत-अमरीका के बीच एक स्वाभाविक सांझेदारी है।
 
स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा अपनी तथा ओबामा की व्यक्तिगत और राष्ट्रीय प्राथमिकता बताते हुए मोदी ने कहा कि वे इस क्षेत्र में विशेष भागीदारी को आगे बढऩे पर भी सहमत हुए हैं। उन्होंने ओबामा से नवीकरणीय ऊर्जा को दुनिया के लिए अधिक सुलभ और सस्ती बनाने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की अगुवाई करने का अनुरोध किया। 
 
ओबामा ने अफगानिस्तान में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान को मिलकर मदद करेंगे।’’ ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया है। दोनों नेताओं ने एशिया, प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समृद्धि को आगे बढ़ाने पर अपना सहयोग और घनिष्ठ करने की प्रतिबद्धता दोहराई। 
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