केजरीवाल के चलते भाजपा में घमासान

Sunday, Jan 25, 2015 - 05:37 AM (IST)

नई दिल्ली (शेषमणि): आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के कारण भाजपा में घमासान मच गई है। केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से न सिर्फ भाजपा को अपनी रणनीति बदल कर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पड़ा, बल्कि दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत कई सीनियर नेताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है।

अब भाजपा में बगावत का माहौल है और मान-मनौव्वल चल रही है। वहीं केजरीवाल निश्चिंत भाव से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। आप संयोजक को घेरने और टक्कर देने के फेर में भाजपा ने अलग-अलग दलों के नेता अपने साथ तो मिला लिया लेकिन इससे भाजपा खुद ही ‘अपनों’ से घिर गई है। वर्षों से पार्टी का डंडा-झंडा उठा रहे और कुर्सी-कनात लगा रहे कार्यकर्त्ता अपना टिकट कटने से अब पार्टी हाईकमान से खफा हैं। दो दिन से भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर हंगामा मचा हुआ है। प्रदेश प्रभारी तक से धक्का-मुक्की कर दी।

आम कार्यकर्त्ता ही नहीं, दिल्ली भाजपा के कई सीनियर लीडर भी हाईकमान के फैसले से कुनमुनाए हुए हैं। कुछ की जुबान खुल गई तो अनुशासन का डंडा दिखा दिया गया लेकिन जिन्होंने खुलकर नहीं बोला वे अंदरखाने काम बिगाडऩे में जुट गए हैं। पार्टी में बगावत का माहौल बनता जा रहा है। भाजपा की यह स्थिति यूं ही नहीं बन गई। इसके पीछे आप नेता अरविंद केजरीवाल ही हैं।

नवम्बर के मध्य में आए कुछ सर्वे में यह बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में दिल्ली में भाजपा को 63 फीसदी वोट मिल रहे हैं और उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार बन रही है। भाजपा इससे हर्षित थी लेकिन डेढ़ महीने में ही स्थिति उलट गई। दिसम्बर में आए तमाम सर्वे में भाजपा सिमट कर 34-36 सीटों तक दिखने लगी और केजरीवाल मुख्यमंत्री पद के सर्वाधिक पसंदीदा बताए जाने लगे। इसका असर यह हुआ कि 10 जनवरी को रामलीला मैदान में हुई प्रधानमंत्री की रैली में भाजपा को अपेक्षित भीड़ नहीं मिली। आप और केजरीवाल ने डेढ़ महीने में ही भाजपा की हवा बिगाड़ दी।

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