भाजपा की एजैंट थीं किरण बेदी

Saturday, Jan 24, 2015 - 03:22 AM (IST)

नई दिल्ली : जब से किरण बेदी भाजपा से जुड़ी हैं और दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की सी.एम. पद की उम्मीदवार बनाई गई हैं तब से उन पर उनके पुराने साथियों का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक जमाने में अन्ना आंदोलन में केजरीवाल व किरण बेदी ने साथ काम किया था, अब केजरीवाल की पार्टीके नेताओं ने खुलकर किरण बेदी कोभाजपा का एजैंट कहना शुरू कर दिया है।

‘आप’ नेताओं कुमार विश्वास और मनीष सिसौदिया ने कहा है कि उन्हें पहले से ही शक था कि किरण बेदी भाजपा की करीबी हैं। कुमार विश्वास ने कहा, ‘‘कुछ ऐसे लोग थे जो चाहते थे कि भाजपा पर हमला कम कियाजाए, उनके भ्रष्टाचार को अभी छोड़ा जाए। लगातार आप लोग देखते रहे हैं कि अन्ना आंदोलन समाप्त होने के बादकिरण बेदी कहती रही हैं कि राजनीति मेंलैसर एविल (कम बुराई) को चुना जाता है।’’
 
विश्वास ने पुरानी बातों की याद दिलाते हुए यह बताने की कोशिश की कि कैसे भाजपा को लेकर बेदी का रवैया पहले से ही नर्म रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जब पार्टी बनी भी नहीं थी तब 2012 में एक इंटरव्यू में अरविंद से ‘भाजपा के भ्रष्टाचार’ के बारे में पूछा गया था, तब उन्होंने कहा था कि हमने किरण बेदी से बात की है पर वह चाहती हैं कि भाजपा पर हमला नहीं किया जाए।’’
 
विश्वास ने कोयला आंदोलन जैसे किसी आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब कोयला आंदोलन हुआ था और हम सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के आवास पर गए थे उसके बाद जब नितिन गडकरी के यहां जाना था, तब किरण का आना तय था परंतु अगले दिन वह नहीं आईं। उन्होंने कहा कि मैं यहां नहीं आऊंगी। आपको जाना है तो चले जाइए।’’ 
 
विश्वास ने आगे बताया कि यह तो बहुत सामान्य बात है और इसमें आश्चर्यचकित करने वाली कोई खास बात नहीं है। यह तो पूरे देश को तब भी पता था और अब भी पता है कि वह आंदोलन ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ था और आज भी वे उसे ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ ही बनाए रखना चाहते हैं। राजनीतिक उठापटक के बीच उनका कहना है, ‘‘हम नहीं चाहते कि कुछ लोग उसका लाभ लेकर कांग्रेस के खिलाफ बोलकर भाजपा ज्वाइन कर लें और भाजपा के खिलाफ बोलकर कांग्रेस ज्वाइन कर लें और जिसकी सरकार आए उसमें चीफ मिनिस्टर बन जाएं।’’
 
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