कश्मीर: पत्थरबाजों ने पत्थर मारकर ले ली 22 वर्षीय सेना के जवान की जान

Saturday, Oct 27, 2018 - 11:33 AM (IST)

श्रीनगर : बेलगाम पत्थरबाजों ने सेना के एक जवान की जान ले ली। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला में सेना के काफिले पर गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी, उसमें सेना का एक जवान घायल  हो गया था। अपने घावों का ताव न सहते हुये सैनिक ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार सिपाही राजेंद्र सिंह सेना के उस क्विक रिएक्शन दस्ते का हिस्सा था, जो गत रोज सीमा सडक़ संगठन के अधिकारियों व कर्मियों के वाहनों के काफिले की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए था। गुरुवार की शाम को करीब छह बजे जब यह काफिला श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अनंतनाग में टी-जंक्शन पर पहुंचा तो हिंसक भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। सिपाही राजेंद्र सिंह व उसके साथियों ने अपने वाहन से नीचे आकर पथराव कर रही भीड़ को चेतावनी देते हुए रास्ता खाली करने को कहा। लेकिन किसी ने नहीं सुना और पथराव की तीव्रता बढ़ा दी।

इसी पथराव में एक पत्थर सिपाही राजेंद्र सिंह के सिर पर लगा और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके अन्य साथियों ने तुरंत उसे वाहन में डाला और किसी तरह पथराव कर रही भीड़ में से सभी वाहनों को वहां से निकाला। राजेंद्र सिंह को उपचार के लिए श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां वह अपने जख्मों की ताव न सहते हुए चल बसा।  राजेंद्र सिंह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के निवासी थेए उन्होंने साल 2016 में सेना ज्वाइन की थी।

 


सैनिक ने नहीं चलाई  पत्थरबाजों पर गोली
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि अगर सिपाही राजेंद्र सिंह और उनके साथ चाहते तो वह पथराव कर रही भीड़ पर गोली चला सकते थे, लाठियां इस्तेमाल कर सकते थे। लेकिन सभी यही मानकर शांत रहे कि यह अपने ही बच्चे हैं, इन पर गोली चलाना या लाठी चलाना उचित नहीं है। उन्होंने संयम बरता और सिपाही राजेंद्र सिंह शहीद हो गए।

शहीद को दी गई अंतिम विदाई
इस बीच शहीद राजेंद्र सिंह को  बादामी बाग स्थित चिनार कोर मुख्यालय में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह समेत सेना और पुलिस के आलाधिकारियों व जवानों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक और फूल मालाएं भेंट कर उसे अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उत्तराखंड स्थित बडेना पिथौरागढ़ में उसके परिजनों के पास भेजा गया।
 

Monika Jamwal

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