देश ने माना 'सेना है तो मुमकिन है', राजनेताओं पर नहीं लोगों को भरोसा

Thursday, Sep 19, 2019 - 01:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हमारे सैनिक देश की सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगाने का जज्बा रखते हैं। सैनिकों का यही हौंसला सालों से हमारे देश की रक्षा कर रहा है। अब सेना के प्रति देश की जनता के नजरिए में बड़ा बदलाव आता दिख रहा है। वे अब सेना को महज देश का रक्षक नहीं, बल्कि अपने सुख-दुख का साथी समझने लगे हैं। भारतीयों की नजर में सुरक्षाबलों में तैनात जवान सर्वाधिक भरोसेमंद हैं तो राजनेता सबसे कम विश्वास करने लायक हैं।   

मार्केट रिसर्च फर्म इप्सोस के एक अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने भारत में भरोसेमंद पेशे के मामले में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है। ग्लोबल ट्रस्ट इन प्रोफेशंस सर्वे में शामिल 70 फीसदी से ज्यादा देशवासियों ने सेना को सबसे ज्यादा भरोसेमंद पेशा बताया वहीं 59 फीसदी लोग राजनेताओं को संशय की दृष्टि से देखते हैं। 

वहीं सर्वे में वैज्ञानिकों (60 फीसदी), डॉक्टरों (56 फीसदी) और शिक्षकों (52 फीसदी) को भी बेहद भरोसेमंद माना गया है। 41 प्रतिशत विज्ञापन अधिकारी को भरोसे लायक नहीं समझते हैं। इप्सोस इंडिया के एक अधिकारी पारिजात चक्रवर्ती ने कहा कि सशस्त्र बलों को सर्वाधिक समर्पित बल माना गया है, जो बलिदान, प्रतिबद्धता और अनुशासन के मूल्यों से परिभाषित होते हैं।

चक्रवर्ती ने कहा कि लोग वैज्ञानिकों और शिक्षकों को भी जोरदार पेशा मान रहे हैं जो देश निर्माण में अपना योगदान देते हैं। हालांकि सिस्टम को साफ करने की कोशिशों के बावजूद राजनेता अधिकतर लोगों का विश्वास नहीं जीत सके हैं। सर्वे के नतीजे 16 से 74 साल के 19587 वयस्कों की राय पर आधारित हैं।

vasudha

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