2018 में सेना को मिल सकती है धनुष तोप

Sunday, Dec 31, 2017 - 04:43 PM (IST)

जबलपुरः बोफोर्स तोप की तर्ज पर बनाई गई देश में ही निर्मित धनुष तोप का ट्रायल अब एक बार फिर से नए साल में ओडिशा के बालासोर में होगा। ट्रायल दौरान दोबारा मजल फटने की घटना न हो, इसके लिए गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) के अधिकारियों ने शनिवार को पाटबाबा मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया। इतना ही नहीं जिन दो तोपों को बालासोर के लिए रवाना किया गया है, उन्हें भी मंदिर ले जाया गया। पुजारियों ने मंत्रोच्चार के साथ तोप का पूजन किया। वहीं अधिकारियों ने बताया कि साल 2018 में जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद फरवरी-मार्च में इसको सेना में शामिल किया जा सकता है आयुध निर्माणी बोर्ड और सेना की विशेष टीम फायरिंग विशेषकर मजल पर नजर रखेगी। बता दें कि इस 155 एमएम की तोप का टेस्ट इसी साल जुलाई में फेल हो गया था।

मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि टेस्ट के दौरान तोप के गोले का आवरण मजल ब्रेक से टकरा गया था। मजल ब्रेक तोप की नाल पर लगा होता है। यह गोला फायर करने के दौरान लगने वाले झटके को धीमा कर देता है। जुलाई से पहले मई में भी हुई टेस्ट फायर के दौरान भी तोप में यही कमी देखी गई थी। इन तोपों का निर्माण जबलपुर की गन कैरिज फैक्टरी में किया जा रहा है। टेस्ट में फेल हो जाने के बाद तोप के डिजाइन को लेकर सवाल खड़े हुए थे। इसके बाद इसमें कुछ बदलाव को लेकर सुझाव दिए गए जिसमें तोप के मजल को चौड़ा करना भी शामिल है ताकि गोला आसानी से बाहर निकल सके। बता दें कि ऑरिजनल बोफोर्स तोप को इलेक्ट्रॉनिक तौर पर अपग्रेड करके बेहतर वर्जन तैयार किया और उसे 'धनुष' नाम दिया। धनुष की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है।

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