कश्मीर में ब्लैक कैट कमांडोज की तैनाती से सेना नाराज

Friday, Sep 29, 2017 - 02:32 AM (IST)

नई दिल्ली: सेना प्रमुख ने हाल ही में आतंकवादियों को जमीन गाड़ देने की बात कही थी। उनकी बात का असर भी दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.) के ब्लैक कैट कमांडो तैनात करने का फैसला किया है। हालांकि इस फैसले से सेना नाराज है। 

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं मगर वहां मौजूद एन.एस.जी. कमांडो की मदद लेने को भारतीय सेना और दूसरे सुरक्षा बल तैयार नहीं हैं जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सेना कश्मीर में एन.एस.जी. का विरोध क्यों कर रही है? ऐसा तब है जब एन.एस.जी. कमांडो को आतंकियों से पार पाने के लिए सबसे ताकतवर फोर्स माना जाता है। इसी साल 26 अगस्त को पुलवामा की जिला पुलिस लाइन में जैश-ए-मोहम्मद ने जब आत्मघाती हमले को अंजाम दिया तब भी एन.एस.जी. को नहीं बुलाया गया था जिसके बाद भी ऐसे सवाल उठे थे। 

यह है विरोध की वजह
आतंकियों के खिलाफ  ऑप्रेशन में शामिल एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि आर्मी आतंकवादियों से निपटने में सक्षम है और पहले से ही ऐसे ऑप्रेशन चलाती आ रही है जबकि एन.एस.जी. कभी-कभी ऐसे ऑप्रेशन करता है इसलिए सेना का मानना है कि घाटी में एन.एस.जी. की बजाय उसके जवान आतंकियों का सफाया करने में अधिक सक्षम हैं।

एन.एस.जी. कमांडो देंगे ट्रेनिंग
गृह मंत्रालय ने एन.एस.जी. को ट्रेनिंग देने का जिम्मा सौंपा है। बताया जा रहा है कि एन.एस.जी. टीम अब घाटी में मौजूद सुरक्षा बलों को ट्रेनिंग देगी। डी.जी.पी. सुधीर प्रताप सिंह ने एन.एस.जी. को घाटी में सुरक्षा बलों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी की खबर पर मोहर लगाई है। सूत्रों के मुताबिक एन.एस.जी. के ब्लैक कैटस कमांडो की एक कंपनी को श्रीनगर के लेथापोरा में बने सी.आर.पी.एफ. ट्रेनिंग सैंटर में लगाया गया है। हालांकि एक महीना बीत जाने के बाद भी यहां किसी प्रकार की ट्रेनिंग शुरू नहीं हो पाई है।

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