कश्मीर में एक बार फिर देवदूत बनकर उतरी भारतीय सेना

punjabkesari.in Thursday, Apr 06, 2017 - 11:13 PM (IST)

श्रीनगर : बाढ़ और बारिश से बेहाल जम्मू और कश्मीर में भारतीय सेना एक बार फिर देवदूत बनकर उतरी है। सेना के जवानों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अपना राहत ऑपरेशन शुरू कर दिया है। कश्मीर में आई इस मुश्किल के हालातों में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर कश्मीर के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद के कंधों पर ले ली है। कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात होने के बाद सेनाए सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के तमाम जवान अपनी जान पर खेल कर लोगों को रेस्क्यू करने में जुटे हैं। कश्मीर में बाढ़ के हालात में सेना बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। गुरुवार को सेना के इस ऑपरेशन की कुछ फोटो ट्विटर एकाउंट पर शेयर की गई हैं।


सेना की ओर से जारी इन फोटोज पर लोगों की ओर से जबरदस्त सराहना की जा रही है। सेना की पोस्ट पर लोगों ने कश्मीर के हालातों में जवानों की मानवीयता और बचाव अभियान में दिखाए साहस की प्रशंसा की है। कश्मीर की इन तस्वीरों में सेना के जवान गहरे पानी और बारिश के बीच लोगों कोरेस्क्यू करते दिखाई दे रहे हैं। गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में झेलम नदी दक्षिण कश्मीर के संगम और सेंट्रल कश्मीर के राम मुंशी बाग में खतरे की निशान को छू गई हैं।

 
एक बार फिर भारतीय सेना ने अपना मानवीय चेहरा दिखाते हुए बाढ़ और बारिश से त्रस्त जम्मू और कश्मीर में मुसीबत में फंसे लोगों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। इस समय कश्मीर में मौसमी बदलाव के चलते भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। घाटी में लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
इस मुसीबत की घड़ी में एक बार फिर से सेना के जवानों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अपना राहत ऑपरेशन शुरू कर दिया है। कश्मीर घाटी के पांजीपोरा में राष्ट्रीय रायफल्स (आरआर) के जवान बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं। सेना के जवान इसके साथ ही रिहायशी इलाकों की तरफ बह रहे नालों का रुख मोडऩे में भी लगे हैं। उल्लेखनीय है कि इन्हीं क्षेत्रों में सेना को कश्मीरी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। सेना को पिछले कुछ महीनों से लगातार पत्थरबाजों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।

पुंछ में बचाए 34 लोग
पुंछ में कलई क्षेत्र में सेना ने 34 लोगों की जान बचाई। यह लोग फलैश फलड में फंस गए थे। सेना ने इन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।

 


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