केरल के राज्यपाल आरिफ ने बताया- सुरक्षाकर्मी नहीं होते तो हमला कर सकते थे हबीब

Sunday, Dec 29, 2019 - 09:45 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कन्नूर में हंगामे को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राज्यपाल का कार्यक्रम एक घंटे से ज्यादा नहीं हो सकता। लेकिन वक्ता नियम तोड़कर डेढ़ घंटे तक बोलते रहे। वो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को संविधान के खिलाफ बताते रहे और संविधान पर खतरे का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं उनकी इन सब बातों को चुपचाप सुनता रहा।

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इन सबको सुनने के बाद जब मैं बोलने लगा, तो इतिहासकार इरफान हबीब ने मुझको रोकने की कोशिश की। वो मेरी ओर बढ़े, लेकिन जब मेरे एडीसी ने उनको रोका, तो उन्होंने एडीसी का बैज नोच लिया और बदसलूकी की। उन्होंने बताया कि जब एडीसी ने इरफान हबीब को रोका, तो वो सोफे के पीछे से मेरी ओर बढ़ने की कोशिश की। इस बीच सुरक्षाकर्मी और कन्नूर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मेरे और इरफान हबीब के बीच दीवार बनकर खड़े हो गए।

आरिफ मोहम्मद खान ने आरोप लगाया कि इरफान हबीब मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि वो करना क्या चाहते थे, इसकी मुझको जानकारी नहीं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इरफान हबीब ने मेरे एडीसी के बैज को खींचा, अगर वो मेरे पास तक पहुंचते, तो शायद मेरी कॉलर खींचते। नागरिकता संशोधन कानून पर न तो मुझको सुनना चाहते थे और न ही कार्यक्रम से बाहर जाना चाहते थे। इन लोगों का ऐसा ही रवैया है। इनके अंदर असहिष्णुता हमेशा से रही है।

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इरफान हबीब की हरकतों को देखकर नीचे बैठे लोग हंगामा करने लगे। एक सवाल के जवाब में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राज्यपाल होने के नाते संविधान और कानून की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। केरल के राज्यपाल ने कहा, ‘अगर मैं संसद द्वारा पारित किसी कानून से सहमत नहीं हूं, तो मुझको इस्तीफा देकर अपने घर जाना चाहिए, लेकिन अगर संसद द्वारा पारित किसी कानून से मैं सहमत हूं, तो मुझको उसका बचाव करना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई सोचता है कि मेरी मौजूदगी में कोई संसद से पारित कानून पर हमला करेगा और मैं खामोश होकर सुनता रहूंगा व जवाब नहीं दूंगा, तो यह गलत है।’ खान ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे हर शख्स की यह जिम्मेदारी है कि वह संसद से पारित कानून की रक्षा करे।

 

Yaspal

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