UK सरकार के लीक दस्तावेज में सनसनीखेज खुलासा- ब्रिटेन के लिए हिंदू राष्ट्रवाद नया खतरा !
punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 05:21 PM (IST)
London: ब्रिटेन की गृह मंत्रालय की एक लीक हुई रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवाद और खालिस्तानी उग्रवाद को देश के लिए उभरते हुए खतरों में शामिल किया गया है। The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार, यह दस्तावेज़ अगस्त 2024 में गृह सचिव यवेट कूपर द्वारा गठित एक विशेष समिति द्वारा तैयार किया गया था। इस रिपोर्ट में पहली बार हिंदू राष्ट्रवाद को एक उग्रवादी विचारधारा के रूप में पहचाना गया है , जिसे ब्रिटेन की आंतरिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माना गया है। लीक दस्तावेज़ में ब्रिटेन की काउंटर-उग्रवाद नीति के तहत 9 उभरते खतरों की पहचान की गई है ।
ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए 9 नए उग्रवादी खतरे
1. इस्लामिस्ट उग्रवाद
2. धुर दक्षिणपंथी उग्रवाद
3. धुर महिला विरोधी उग्रवाद
4. खालिस्तानी समर्थक उग्रवाद
5. हिंदू राष्ट्रवादी उग्रवाद
6. पर्यावरणीय उग्रवाद
7. धुर वामपंथी उग्रवाद
8. अराजकतावादी उग्रवाद
9. अन्य कट्टरपंथी विचारधाराएं
खालिस्तानी उग्रवाद को लेकर क्या कहा ?
रिपोर्ट में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंसा फैलाने और मुस्लिम समुदायों को निशाना बनाने वाले संदेश फैलाने को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई है। यह भी कहा गया है कि खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े कुछ गुट खासकर बच्चों के शोषण से जुड़ी झूठी अफवाहें फैलाकर समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में कनाडा और अमेरिका में सिख समुदाय के खिलाफ हिंसा में भारत की कथित भूमिका पर भी चिंता जताई गई है। यह दावा किया गया है कि भारत की कुछ गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिखों के खिलाफ दमनकारी मानी जा रही हैं , जिससे ब्रिटेन को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
हिंदू राष्ट्रवाद का खतरा क्यों ?
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भड़के दंगों के बाद से हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर चिंता बढ़ी है। यह दंगे 28 अगस्त 2022 को भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच के बाद हुए थे, जब सांप्रदायिक तनाव हिंसा में बदल गया था। इस घटना ने ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई मूल के समुदायों के बीच बढ़ते विभाजन को उजागर किया।
ब्रिटेन सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि, यह रिपोर्ट अभी आधिकारिक रूप से जारी नहीं की गई है, लेकिन इसके लीक होने के बाद ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियां इसकी समीक्षा कर रही हैं। इस खुलासे से ब्रिटेन में हिंदू और सिख समुदायों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है।