आर्कबिशप का खत- खतरे में देश की धर्मनिरपेक्षता, भड़की BJP

Tuesday, May 22, 2018 - 02:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के आर्क बिशप (कैथोलिक) अनिल काउटो की ओर से पिछले दिनों पादरियों को लिखे पत्र से राजनीतिक हलचल  पैदा हो गई। 8 मई को लिखे इस पत्र में आर्क बिशप ने ईसाई समुदाय से 2019 के चुनाव में नई सरकार के लिए विशेष प्रार्थना करने की बात कही है। इसमें कहा गया कि देश का जो राजनीतिक माहौल है, उसने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और देश की धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए खतरा पैदा कर दिया। वहीं आर्क बिशप के इस खत को लेकर भाजपा ने भी पलटवार किया है। 

पादरियों को लिखा खत 
आर्क बिशप ने अपने पत्र में लिखा कि देश काफी नाजुक स्थिति से गुजर रहा है मौजूदा राजनीतिक माहौल हमारे देश के धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा बन गए हैं। राजनेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी पवित्र परंपरा है लेकिन जब हम आम चुनावों की तरफ बढ़ते हैं तो यह प्रार्थना बढ़ जाती है। उन्होंने आगे लिखा है कि अगर हम 2019 की ओर देखें तो तब हमारे पास नई सरकार होगी और चलिए हम अपने देश के लिए प्रार्थना शुरू करते हैं। माना जा रहा है कि उन्होंने वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार नहीं बने इसके लिए लोगों से दुआ करने की अपील की है। 


राजनाथ सिंह ने किया पलटवार 
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस खत का विरोध जताते हुए कहा कि हमारा भारत चंद उन देशों में शामिल है जहां अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। हमारे यहां धर्म और जात-पात के नाम पर किसी से भेदभाव नहीं किया जाता है। भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने इस पर कीर्तन पूजा करने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहूंगा जो सांप्रदायिक सद्भावना को किसी भी तरह से प्रभावित करे लेकिन अगर चर्च लोगों से गुजारिश करता है कि आने वाले चुनाव में मोदी की सरकार न बने इसलिए वह प्रार्थना करें तो मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि देश में दूसरे धर्म के लोग भी हैं जो कीर्तन पूजा करते हैं।  

इस मसले पर दिल्ली के आर्कबिशप के सचिव फादर रॉबिन्सन ने कहा कि आर्कबिशप के पत्र में कुछ भी राजनीतिक बात नहीं थी और न ही उन्होंने सरकार और माननीय प्रधानमंत्री के खिलाफ ही कोई बात कही है। पत्र के बारे में गलत सूचना प्रचारित और प्रसारित की जा रही है। उन्होंने कहा कि उस पत्र में बस नियमित प्रार्थना की बात कही गई है और ऐसे पत्र पहले भी लिखे जा चुके हैं। 

vasudha

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