माल्या विवाद: बैंकों के आवेदन पर अंतरिम आदेश कल

Monday, Sep 26, 2016 - 09:32 PM (IST)

बेंगलुरू: माल्या के नेतृत्व वाली किंगफिशर एयरलाइन से संबंधित एक मामले में रिण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) बैंकों के समूह की याचिका पर कल अंतरिम आदेश जारी करेगा। अभिकर्ता संबंधी इस मामले में बैंकों ने डीआरटी से अनुरोध किया है कि इंडिगो और गो एयर को जो धन एयरबस को देना है उसे उसके पास जमा करने का निर्देश दिया जाए। आेरिएंटल बैंक आफ कामर्स की अगुवाई में बैंकों के अंतरिम आवेदनों की सुनवाई के दौरान डीआरटी के पीठासीन अधिकारी के श्रीनिवासन ने कहा कि मुझ पर दबाव है तथा मैं इसमें और देरी नहीं चाहता। मैं बैंकों के आवेदनों पर कल अंतरिम आदेश दूंगा।

उन्होंने एयरबस को पत्र के जरिए अपने उस बैंक खाते का ब्योरा देने को कहा ताकि यह निपटाने तक उसमें 196 करोड़ रुपए की राशि को कुर्क किया जा सके। एयरबस ने 2005 में विजय माल्या नियंत्रित किंगफिशर एयरलाइंस की तरफ से बैंकों के समूह से 196 करोड़ रुपए हासिल किया था। हालांकि एयरबस ने खरीद फरोख्त समझौते के तहत धन तो प्राप्त कर लिया लेकिन वह कंपनी को विमान उपलब्ध कराने में विफल रही। किंगफिशर एयरलाइंस का परिचालन बंद है। 

दोनों पक्षों के खरीद समझौते के बाद आेरिएंटल बैंक आफ कामर्स, कारपोरेशन बैंक तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने एयरबस को डिलीवरी से पहले 196 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। चूंकि एयरबस डिलीवरी पूर्व भुगतान में विफल रही, एेसे में बैंकों ने गो-एयर तथा इंडिगो को अंतरिम आवेदन देकर पक्ष बनाया और न्यायाधिकरण से विमानन कंपनियों को एयरबस को दिए जाने वाले धन उसके पास जमा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। 

वहीं विमानन कंपनियों ने बैंकों के अंतरिम आवेदनों पर आपत्ति जतायी है। न्यायाधिकरण के समक्ष एयरबस के वकील ने कहा कि कंपनी को बिना मतलब मामले में घसीटा जा रहा है क्योंकि न तो वह कर्जदार है और न ही चूककर्ता। इसके उलट कंपनी दूसरे की गलती के कारण स्वयं पीड़ित है।

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