एप्पल ने बनाया नया रिकॉर्ड: पार किया 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन के निर्यात का आंकड़ा

punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 11:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क. जनवरी 2025 में एप्पल इंक ने अपने आईफोन निर्यात में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसने चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में 1 लाख करोड़ रुपये FOB (फ्री ऑन बोर्ड) मूल्य के आईफोन निर्यात का आंकड़ा पार कर लिया है। FOB मूल्य का मतलब है, वह कीमत जिस पर आईफोन को फैक्ट्री से बाहर भेजा जाता है, जिसमें कोई टैक्स या अतिरिक्त शुल्क शामिल नहीं होता है।

यह पहली बार है जब एप्पल ने एक वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये के आईफोन निर्यात का आंकड़ा पार किया है। इसने वित्त वर्ष 2025 के दौरान अप्रैल से जनवरी तक कुल निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग 31% की वृद्धि दर्ज की। एप्पल का जनवरी 2025 में 19,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात रिकॉर्ड रहा।

भारत में उत्पादन का बड़ा योगदान

भारत में आईफोन के उत्पादन में तेजी आई है, खासकर जब से फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां एप्पल के लिए आईफोन बना रही हैं। ये कंपनियां 2021 से भारत में पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना के तहत आईफोन का उत्पादन कर रही हैं। यह योजना एप्पल को भारत में आईफोन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

2024 के दिसंबर महीने में एप्पल ने अब तक के सबसे ज्यादा 14,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया था। इसके बाद अक्टूबर 2024 में आईफोन 16 के लॉन्च और भारत में इसके उत्पादन शुरू होने के बाद से निर्यात में जबरदस्त तेजी आई है। अक्टूबर से अब तक एप्पल हर महीने 10,000 करोड़ रुपये अधिक के आईफोन का निर्यात कर रहा है।

स्थानीय मूल्यवर्धन में वृद्धि

निर्यात के इस बढ़ते आंकड़े के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण भारत में आईफोन के स्थानीय उत्पादन में मूल्यवर्धन (value addition) का बढ़ना है। पहले 2020 में आईफोन के निर्माण में स्थानीय मूल्यवर्धन करीब 5-6% था, जबकि अब यह बढ़कर 15-18% हो गया है और कुछ मॉडल्स में इससे भी अधिक है। इससे एप्पल को भारत में आईफोन के उत्पादन पर ज्यादा नियंत्रण मिला है और निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।

भारत की स्मार्टफोन निर्यात में अहम स्थिति

भारत अब स्मार्टफोन निर्यात में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है। वित्त वर्ष 2015 में भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों में स्मार्टफोन का स्थान 167वां था, लेकिन अब यह दूसरे सबसे बड़े निर्यात उत्पाद के रूप में उभरा है। पहले नंबर पर वाहन ईंधन है और दोनों के बीच का अंतर बहुत कम है। यह 10 वर्षों में स्मार्टफोन निर्यात की अभूतपूर्व वृद्धि है।

सरकार की योजनाओं का असर

सरकार ने 2017 में चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की शुरुआत की थी, जिससे स्मार्टफोन के बड़े पैमाने पर आयात को रोकने में मदद मिली और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिला। इसके बाद 2020 में पीएलआई योजना की घोषणा की गई, जिसने निर्यात को और बढ़ावा दिया। अब सरकार एक और योजना लेकर आई है, जिसमें 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा ताकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। इस योजना को जल्द ही मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने की उम्मीद है।


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Content Editor

Parminder Kaur