एनआरसी से नहीं छूटेगा कोई भी वास्तविक नागरिक: मोदी

Saturday, Jan 05, 2019 - 12:15 AM (IST)

सिलचर (असम): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के लोगों को शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि एनआरसी से कोई भी असल नागरिक नहीं छूटेगा। उन्होंने कहा कि अतीत में हुए अन्याय को दूर करने के लिए जल्द ही संसद में नागरिकता विधेयक को पारित कराया जाएगा। मोदी ने कालीनगर में ‘विजय संकल्प समावेश रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि वह एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के दौरान कई लोगों को हुई दिक्कतों और समस्याओं के बारे में जानते है। 

उन्होंने पूर्वोत्तर में भाजपा की लोकसभा चुनाव प्रचार मुहिम की शुरुआत करते हुए कहा,‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा। दशकों से लटकी समस्या का अब अंत होने वाला है और यह आप लोगों के त्याग के कारण संभव हो पाया है। यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी लोगों को सुना जाए और वे प्रक्रिया में कम से कम कठिनाई का सामना करें।’

संपूर्ण एनआरसी प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रयास में सरकार ने राहत पात्रता प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित सरकारी दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक विशेष अपील की थी। मोदी ने कहा,‘मैं खुश हूं कि उच्चतम न्यायालय ने सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया है और इससे लाखों को अपना दावा करने में फायदा हुआ है।’ नागरिक (संशोधन) विधेयक, 2016 पर उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार इस संबंध में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा,‘यह (विधेयक) लोगों की जिंदगी और भावनाओं से जुड़ा है। यह किसी के फायदे के लिए नहीं है बल्कि अतीत में हुए अन्याय का प्रायश्चित करने के लिए है।’


नागरिकता अधिनियम,1955 में संशोधन करने के लिए लोकसभा में नागरिकता विधेयक लाया गया था। इस विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों-हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन,पारसियों और ईसाइयों को बिना समुचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें भारत में उनके निवास के समय को 12 वर्ष के बजाय छह वर्ष करने का प्रावधान है। मोदी ने कहा कि काफी लंबे विचार विमर्श के बाद 2016 में इस विधेयक को लाया गया था। उन्होंने कहा,‘मुझे उम्मीद है कि संसद में इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित किया जाएगा। जिन लोगों को भारत माता पर विश्वास है उन पर सभी संबंधित पक्षों के हितों को ध्यान में रखने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 35 वर्षों से ‘लटके’ असम समझौते की धारा छह को लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा,‘अब असम की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषायी पहचान की रक्षा का रास्ता साफ है।’ उन्होंने कहा कि एक उच्च स्तरीय समिति हितधारकों से बात करेगी और इस धारा को लागू करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जायेगी। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक पाॢटयों ने कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद देश और असम के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया और उन्हें केवल अपना वोट बैंक समझा। 

उन्होंने कहा,‘हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाई। ईमानदारी का राज कायम किया और बिचौलियों को हटाया। कांग्रेस सरकार ने दलालों को सभी सौदों का हिस्सा बनाया था।’ अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में कथित बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल का उल्लेख किये बगैर मोदी ने कहा कि कांग्रेस के वकील उसकी सहायता के लिए जेल में गए और पत्रों का आदान-प्रदान किया गया। उन्होंने कहा,‘क्या देश का लूटा हुआ धन वापस नहीं आना चाहिए, क्या उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए, क्या मोदी को यह सुनिश्चित नहीं करना चाहिए? क्या यह चौकीदार की जिम्मेदारी नहीं है? कुछ लोग चौकीदार से परेशान हैं और इसलिए वे अनाप-शनाप बोल रहे हैं।’

मोदी ने कहा कि 2014 में राजग सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सभी रूकी हुई आधारभूत परियोजनाओं के काम में तेजी लाई गई और इन्हें पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान पूरा किया जा रहा है। उन्होंने दिसंबर में असम के बोगीबील में देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल के उद्घाटन का जिक्र करते हुए कहा, ‘मेरा सौभाग्य है कि मुझे पिछले 10 दिन में दूसरी बार असम के लोगों से मिलने का अवसर मिला। बराक और ब्रह्मपुत्र घाटियां केवल राज्य ही नहीं, बल्कि देश के लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं।’

मोदी ने कहा,‘ हालिया पंचायत चुनावों में भाजपा के लिए मतदान करने के कारण मैं असम के लोगों का ऋणी हूं और मैं राज्य का विकास सुनिश्चित करके इस ऋण को चुकाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’ प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार मुहिम के पहले चरण के तहत इम्फाल से सिलचर के कछार जिले पहुंचे। वह आचार संहिता लागू होने से पहले 100 दिनों में 20 राज्यों में रैलियां संबोधित करेंगे।

shukdev

Advertising