PM की टिप्पणी से आहत अंसारी, कहा- मेरे विदाई समारोह में मोदी ने परंपरा से हटकर दिया बयान

Monday, Jul 09, 2018 - 03:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी अपने विदाई कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी से आहत हैं। उन्होंने एक साल बाद यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पीएम का वह भाषण प्रचलित परिपाटी के काफी अलग था। दरअसल मोदी ने अपने भाषण के दौरान अंसारी के मुस्लिम देशों में राजनयिक के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कार्यकाल खत्म होने के बाद अल्पसंख्यकों की ओर निश्चित झुकाव का संकेत दिया था। 

दस अगस्त 2017 को बतौर उप राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल की समाप्ति पर हुए विदाई समारोह के बारे में अंसारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसमें भाग लिया और मेरी पूरी तारीफ करने के दौरान उन्होंने मेरे दृष्टिकोण में एक निश्चित झुकाव के बारे में भी संकेत दिया। उन्होंने मुस्लिम देशों में राजनयिक के तौर पर मेरे पेशेवर कार्यकाल और कार्यकाल समाप्त होने के बाद अल्पसंख्यक संबंधी सवालों पर चर्चा की। 

पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि राजदूत के पद से सेवानिवृत होने के बाद अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर मेरी सक्रियता की तरफ पीएम का संकेत था। उन्होंने कहा कि उनका संकेत शायद बेंगलुरु में दिए मेरे उस भाषण और राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू का था जिसमें मैंने कहा था कि अल्पसंख्यक और कुछ दूसरे समुदाय के युवाओं में बेचैनी और असुरक्षा का भाव है। अंसारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर वफादारों के हंगामे ने बाद में इसे विश्वसनीयता देने की कोशिश की। दूसरी तरफ संपादकीय टिप्पणी और कई गंभीर लेखनों में प्रधानमंत्री की टिप्पणी को इस तरह के मौकों पर स्वीकृत परिपाटी से भटकाव माना गया।  

अंसारी ने इन मुद्दों का उल्लेख अपनी नई पुस्तक ‘‘डेयर आई क्वेश्चन? रिफ्लेक्शंस ऑन कंटेपररी चैलेंजेज में किया है। इस पुस्तक में उनके भाषणों और उपराष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल के आखिरी वर्ष और हाल के महीनों में उनके लेखों का संकलन है। गौरतलब हे कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि पिछले दस सालों में आपकी जिम्मेदारी बदली है और आपको खुद को केवल संविधान तक सीमित रखना पड़ा है। इससे आप अंदर ही अंदर आंदोलित हुए होंगे। लेकिन आज से आपको मन की बात बोलने की आजादी होगी। अब से आप अपनी सोच के मुख्य दायरे के आधार पर सोच, बोल और काम कर सकते हैं आपने कई जिम्मेदारियां निभाई हैं और आप 'खास' दायरे में रहे हैं। 

vasudha

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