अब से सौतेले माता-पिता और भाई-बहन भी कर पाएंगे अंगदान

Monday, Sep 04, 2017 - 12:29 AM (IST)

नई दिल्ली: अंगदान करने वालों का इंतजार कर रहे लोगों को लाभ पहुंचाने के मकसद से सरकार ‘करीबी रिश्तेदार’ की परिभाषा में सौतेले माता-पिता, सौतेले भाई-बहन और परिवार के अन्य सदस्यों को शामिल करने की योजना बना रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘मानव अंग एवं ऊत्तक प्रतिरोपण अधिनियम, 1994’ में संशोधन के लिए सर्कुलर रखा है ताकि ‘करीबी रिश्तेदारों’ की परिभाषा का दायरा बढ़ाया जा सके। उसने लोगों से 25 सितम्बर तक इस पर टिप्पणियां मांगी हैं। 


मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसकी परिभाषा को व्यापक बनाने से देश में अंगदान का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अंगों की उपलब्धता बढ़ेगी। शुरू में पति-पत्नी, बेटे, बेटियों, पिता, माता, भाइयों और बहनों को ही ‘करीबी रिश्तेदार’ के तौर पर परिभाषित किया गया था और सिर्फ यही लोग कानूनी रूप से अंगदान कर सकते थे। सरकार ने वर्ष 2011 में इस अधिनियम में संशोधन कर ‘करीबी रिश्तेदारों’ में दादा-दादी, नाना-नानी, पोता-पोती और नाती-नातिन को शामिल किया था।

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